Ganga Water Project: Haryana govt ने राज्य के लोगों को पीने के पानी की बड़ी समस्या से निजात दिलाने को लेकर बड़ा ही सराहनीय कदम उठाया है.
SYL नहर विवाद के बाद अब सरकार गंगा के पानी को उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक लाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है.
Haryana cm Nayab ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को सभी संभावित विकल्पों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
Cm nayab singh ने फिर से दिया निर्देश
नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस विचार को फिर से सक्रिय करते हुए सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए हैं कि गंगा जल को हरियाणा तक लाने के हर विकल्प पर गंभीरता से काम किया जाए.
मंत्री श्रुति चौधरी के आदेश पर विभाग ने चीफ इंजीनियर वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हरियाणा को पांच संभावित चैनल विकल्प सुझाए गए हैं, जिनके ज़रिए गंगा जल को हरियाणा तक लाया जा सकता है. ये विकल्प हैं:
खतौली के पास हिंडन बैरियर
बदरूद्दीन नगर
मुरादनगर
यमुनानगर के संभावित चैनल
इन चैनलों के माध्यम से गंगा जल को यमुना में मिलाकर हरियाणा तक पहुंचाया जा सकता है. समिति एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
गंगा से यमुना पर निर्भरता कम
यदि यह परियोजना धरातल पर उतरती है, तो हरियाणा को यमुना नदी पर कम निर्भर रहना पड़ेगा. इस परियोजना को 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इससे गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे जल संकट झेल रहे क्षेत्रों को बड़ी राहत मिल सकती है.
यमुना लिंक नहर का विचार फिर सक्रिय
Haryana govt की इस योजना को गंगा-यमुना लिंक नहर के पुनर्जीवित होने के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है. एक बार रिपोर्ट सरकार के पास आ जाने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से उच्चस्तरीय बातचीत करेंगे.
Ganga Water Project: हरियाणा में गंगा नदी का पानी लाने की योजना पर तेजी से काम जारी
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