स्कूलों में ग्रांट में गड़बड़ी, बिल गायब और रिकॉर्ड अधूरे मिले
हिसार, 5 जुलाई।
हिसार जिले के अग्रोहा खंड के मीरपुर गांव में शनिवार को सीएम फ्लाइंग टीम ने राजकीय माध्यमिक विद्यालय और राजकीय प्राथमिक विद्यालय में अचानक छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान स्कूलों में ग्रांट के उपयोग, मिड-डे मील, इको क्लब ग्रांट और अन्य रिकॉर्ड्स की गहन जांच की गई, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। जांच के दौरान अधूरे रिकॉर्ड, गायब बिल और नियमों की अवहेलना जैसे कई मामले उजागर हुए, जिससे स्कूल प्रशासन में हड़कंप मच गया।
सीएम फ्लाइंग की इंचार्ज सुनैना के नेतृत्व में इस छापेमारी में शिक्षा विभाग के चेकिंग अधिकारी के रूप में राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दड़ोली के प्रिंसिपल प्रकाश चंद्र, बीईओ अग्रोहा के क्लर्क वीरेंद्र, एएसआई सुरेंद्र कुमार और एचसी विजय शामिल रहे। सुनैना ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि मीरपुर गांव के दोनों स्कूलों में ग्रांट के दुरुपयोग और अनियमितताओं की शिकायतें हैं। इस सूचना के आधार पर शनिवार को टीम ने दोनों स्कूलों में रेड की और रिकॉर्ड्स की गहन जांच की।
राजकीय माध्यमिक विद्यालय में अनियमितताएं
सीएम फ्लाइंग की इंचार्ज सुनैना ने बताया कि जांच के दौरान राजकीय माध्यमिक विद्यालय में मुख्याध्यापक अनिल कुमार की मौजूदगी में कई खामियां पाई गईं। इंचार्ज सुनैना ने बताया कि स्कूल में दी गई ग्रांट के कई बिल वेरीफाइड नहीं थे। विशेष रूप से, छत की मरम्मत के लिए निकाले गए ग्रांट में मजदूरों की दिहाड़ी के बिल गायब थे। इसके अलावा, इको क्लब ग्रांट की कोटेशन खाली पाई गई, और कैश बुक व प्रॉपर्टी रजिस्टर लंबे समय से अपडेट नहीं किए गए थे।
सबसे गंभीर मामला यह सामने आया कि विद्यालय ग्रांट में से 50,000 रुपये खर्च किए गए, लेकिन इनमें से 3,050 रुपये के बिल प्रस्तुत नहीं किए गए। रिकॉर्ड्स की कमी और अनियमितताओं ने स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।
राजकीय प्राथमिक स्कूल में भी खामियां
सीएम फ्लाइंग की इंचार्ज सुनैना ने बताया कि राजकीय प्राथमिक स्कूल में मुख्याध्यापक सतबीर सिंह की उपस्थिति में जांच की गई। यहां भी ग्रांट से संबंधित कैश बुक आधी-अधूरी पाई गई, और बिलों को वेरीफाइड नहीं किया गया था। ग्रांट खर्च से संबंधित फाइलों में लगाई गई कोटेशन्स में तारीखें नहीं थीं, और नियमों का पालन नहीं किया गया था। जांच में पता चला कि स्कूल ने 50,000 रुपये की ग्रांट खर्च की, लेकिन 3,892 रुपये के बिल गायब थे। इसके अलावा, इको यूथ ग्रांट के 3,000 रुपये में से 1,500 रुपये के बिल भी नहीं पाए गए।
सीएम फ्लाइंग इंचार्ज सुनैना ने बताया कि दोनों स्कूलों में जांच के दौरान पाई गई अनियमितताओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे आगामी कार्रवाई के लिए मुख्यालय भेजा जाएगा।
वहीं सीएम फ्लाइंग की इस अचानक कार्रवाई से दोनों स्कूलों के कर्मचारियों और प्रशासन में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों और अभिभावकों ने भी इस छापेमारी का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में स्कूलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगी।
फ़ोटो: गांव मीरपुर के राजकीय स्कूल में ग्रांट सम्बधी रिकॉर्ड की जांच करते हुए सीएम फ्लाईंग इन्चार्ज सुनैना व अन्य अधिकारी।
हिसार के मीरपुर गांव के स्कूलों में सीएम फ्लाइंग की छापेमारी: ग्रांट में अनियमितताओं का खुलासा
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