युवाओं के लिए मिसाल बना पंजुआना गांव का सूरज नोखवाल,सिरसा में कलयुग का श्रवण कुमार जिसने दादी के गंगा स्नान के लिए अपने कंधो पर ला दिया गंगाजल
सिरसा जिला के गांव पंजुआना में कलयुग का श्रवण कुमार देखने को मिला है। जहां सतयुग में श्रवण कुमार ने अपने माता पिता को कंधो पर उठाकर तीर्थ दर्शन करवाए थे वहीं इस कलयुग के श्रवण कुमार ने अपनी दादी के गंगा स्नान के लिए हरिद्वार से कंधो पर गंगाजल लाकर दादी का वर्षाें से अधूरा ख्वाब पूरा किया है।
दरअसल घुटनों में दर्द के चलते बुजुर्ग महिला से हरिद्वार जाके गंगा स्नान करना संभव नहीं था, पति के गुजरने के बाद से बुजुर्ग महिला गंगा में नहाना चाह रही थी, लेकिन बुढापे में पांव दर्द व अन्य बीमारियों के चलते गंगा नहाने का ख्वाव पूरा नहीं हो सका, ऐसे में बेटा बहु पहले ही छोडकर जा चुके थे, लेकिन पोते को जब दादी की गंगा नहाने की इच्छा के बारे में पता चला तो अकेले ही चल पडा गंगाजल लाने, बुजुर्ग महिला का पोते सूरज का कहना है कि इससे पहले वह दो बार डाक कांवड ला चुका है लेकिन इस बार दादी के गंगा नहाने की इच्छा पता चली तो वह डाक कांवड लाने की बजाय टोकनी कांवड लाने के लिए निकल पडा, मन में दृढ निश्चय करके निकला था कि जो कुछ भी हो जाए लेकिन इस बार दादी मां को गंगाजल से ही नहलाना है।
अंत में शिवरात्री का समय आया और पोता दादी के लिए 31 लीटर गंगाजल लेकर गांव पहूंचा और शिवरात्रि के पावन पर्व पर शिव मंदिर में दादी मां को गंगाजल से नहलाया और दादी मां का वर्षों से अधुरा ख्वाब पूरा किया.
इस बारे में बुजुर्ग महिला का साफ तौर पर कहना है कि उसके बेटा बहू पहले ही उसको छोडकर दूसरे गांव चले गए हैं लेकिन पोते को उसने पाल पोस के बडा किया, आज पोते ने उसका वर्षों से अधूरा पडा खवाब पूरा किया जिससे वह बहुत खुश है।
भगवान ऐसा पोता सभी को दे, वहीं बुजुर्ग महिला ने लोगों से भी अपील की है कि अपने मां बाप को कभी बूरा मत बनाओ उनकी सेवा करो, जिस प्रकार उनके पोते सूरज ने हरिद्वार से गंगाजल अपने कंधो पर लाकर दादी के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित किया है उसी प्रकार सभी को अपने मां बाप दादा दादी की सेवा करनी चाहिए।
बेटे बहु ने अपनी बुजुर्ग मां को छोडा, पोते ने संभाला, कलयुग का श्रवण कुमार, दादी के लिए कंधो पर उठा लाया गंगाजल
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