लखनऊ, 12 अप्रैल 2025 — इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसले में अधिवक्ता अशोक पांडेय को छह महीने की सजा सुनाई है और उन्हें आगामी तीन वर्षों तक हाईकोर्ट में वकालत करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है।
यह कार्रवाई उस याचिका के संबंध में की गई है जिसमें अशोक पांडेय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की मांग की थी। अदालत ने याचिका को "भ्रामक, दुर्भावनापूर्ण और न्यायालय की प्रक्रिया का दुरुपयोग" करार देते हुए कड़ा रुख अपनाया।
अदालत का रुख
न्यायालय ने कहा कि अशोक पांडेय द्वारा दायर की गई याचिका न केवल तथ्यहीन थी, बल्कि इसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना और न्यायिक प्रणाली का दुरुपयोग करना था। इसके चलते न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता को ठेस पहुंची।
क्या है मामला?
अशोक पांडेय ने दावा किया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन की नागरिकता ग्रहण की है और इस आधार पर उनकी भारतीय नागरिकता रद्द होनी चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और गृह मंत्रालय भी ऐसी याचिकाएं खारिज कर चुके हैं।
प्रभाव और संदेश
इस निर्णय को कानूनी गलियारों में एक कड़ा संदेश माना जा रहा है कि न्यायिक व्यवस्था को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
राहुल गांधी की नागरिकता रद्द करने की याचिका पर याचिकाकर्ता को सजा — हाईकोर्ट ने ठोका जुर्माना और लगाई वकालत पर रोक
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