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हरियाणा के 11 जिलों में होगी मॉक ड्रिल : दो कैटेगरी में इन शहरों को बांटा

Raman Deep Kharyana :-

ब्लैक आउट किया जाएगा, NCC-NSS समेत छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे


केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच इसे काफी अहम माना जा रहा है। इसमें सरकार ने देशभर के 244 सूचीबद्ध सिविल डिफेंस जिलों में सिविल डिफेंस का अभ्यास और रिहर्सल करने के निर्देश दिए हैं।

हरियाणा में भी 11 जिलों में ये मॉक ड्रिल की जाएगी। इन जिलों को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दो कैटेगरी (सेकेंड और थर्ड) में बांटा गया है। इसमें सेकेंड कैटेगरी में 10 और थर्ड में एक सिविल डिफेंस जिले को शामिल किया गया है।


केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद हरियाणा के 11 शहरों में भी युद्ध के हालात में बचने के लिए कल (7 मई) यानी कल मॉक ड्रिल होगी। इन शहरों में रात में सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट भी होगा। हालांकि, मॉक ड्रिल का टाइम अभी तय नहीं है।


2005 की लिस्ट के अनुसार इन जिलों में होगा ब्लैक आउट

केंद्र सरकार की 2005 की एक लिस्ट के अनुसार हरियाणा के 11 जिलों को सिविल डिफेंस के हिसाब से महत्वपूर्ण माना जाता है। लिस्ट के अनुसार सेकेंड कैटेगरी में *हरियाणा के 10 जिले अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर शामिल हैं। वहीं थर्ड कैटेगरी में सिर्फ झज्जर जिले को शामिल किया गया है।*


मॉक ड्रिल में ये लेंगे हिस्सा

इस मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और स्कूल-कॉलेजों के छात्र-छात्राएं हिस्सा लेंगे। इस तरह की तैयारी यह संकेत देती है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है।


जब आम नागरिक यह जानते हैं कि क्या करना है, कब करना है और कैसे संयम बनाए रखना है, तो पूरे देश की मजबूती बढ़ जाती है। यह केवल हमले के बाद की प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि हमले से पहले की जागरूकता का हिस्सा है।


मॉक ड्रिल के दौरान हर तरह के बचाव के तरीके अपनाए जाते हैं।

मॉक ड्रिल के दौरान हर तरह के बचाव के तरीके अपनाए जाते हैं।


1971 में हुए भारत पाक युद्ध के बाद हो रही यह ड्रिल

इस तरह की ड्रिल 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध के दौरान हुई थी। पूरे देश में 1971 के बाद यह ड्रिल पहली बार की जा रही हैं। राजस्थान के सरहदी जिलों के लोगों का कहना है कि साल 1971 के बाद वे पहली बार इस तरह की ड्रिल को देख रहे हैं।


सायरन बजने पर क्या करना होगा...

इस दौरान बताया जाएगा कि हमला हो जाता है तो क्या करना चाहिए। सिटी कंट्रोल से एक हूटर बजेगा।


इसके बाद सभी लोगों को अपने घर की सभी लाइटें, मोबाइल टार्च बंद करनी होंगे। रोड लाइट, हाईमास्ट लाइट, एनएचएआई और स्टेट हाईवे पर लगी लाइट, टोल पर लगी लाइट भी बंद की जाएगी।


ड्रिल के दौरान लोगों को जानकारी देनी होगी की वह कैसे एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति घायल हो जाता है तो उस समय कैसे उसे उपचार मिल सके।


ड्रिल को लेकर टाइम की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन बताया जा रहा है सभी शहरों में समय अलग होगा।

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Kharyana

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