Big Gift: असम बनेगा अग्रणी राज्य: 5.18 लाख करोड़ निवेश के प्रस्ताव से CM हिमंत उत्साहित
Big Gift: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में संपन्न व्यापार शिखर सम्मेलन में असम में कुल 5,18,205 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं. मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह धनराशि असम के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 80 प्रतिशत हिस्से के बराबर है. उन्होंने कहा कि हम नए वित्तीय वर्ष में प्रस्तावों का विश्लेषण शुरू करेंगे और अगले छह महीने में उनके कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे.
"यह जरूरी नहीं है कि सभी सहमति पत्र निवेश में तब्दील हो जाएं. कार्यान्वयन की सामान्य सफलता दर लगभग 50 प्रतिशत है. लेकिन, मुझे 80 प्रतिशत की उम्मीद है. अगर हम अगले चार वर्षों तक लगातार काम करते हैं, तो निवेश सफल होंगे और अगली एडवांटेज असम परियोजना के समय तक असम एक अग्रणी राज्य होगा."-हिमंत बिस्व सरमा, मुख्यमंत्री
किस क्षेत्र में निवेश के प्रस्तावः मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग सभी क्षेत्रों में निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. लेकिन फोकस वाले क्षेत्रों में विनिर्माण, हाइड्रोकार्बन, हरित ऊर्जा, चिकित्सा, शिक्षा और आतिथ्य शामिल हैं. शिखर सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति भी उत्साहवर्धक रही. जिसमें नौ साझेदार देशों के उच्चस्तरीय व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों के साथ-साथ यूरोप, एशिया, अफ्रीका तथा उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. यूरोपीय संघ, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक ने भी असम में रुचि दिखाई है.
जमीन की समस्या का होगा समाधानः एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढांचा शिखर सम्मेलन 25 और 26 फरवरी को राज्य में आयोजित किया गया. सरमा ने कहा कि इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन में भूमि उपलब्ध कराना और प्रोत्साहन देना बड़ी चुनौतियां होंगी. क्योंकि सरकारी जमीन सीमित है और कोई भी यहां आकर निजी मालिकों से जमीन खरीदकर अपना उद्यम स्थापित नहीं करेगा. एमओयू पर हस्ताक्षर करना एक शुरुआत है और हम इसका रास्ता निकाल लेंगे.
बिजली की समस्या नहीं होगीः मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के बिना औद्योगिक विकास नहीं हो सकता है, लेकिन हम रास्ता तय करेंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र ने उद्योग क्षेत्र को पहले ही विभिन्न प्रोत्साहनों की पेशकश की है. बिजली की कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम इसे पावर ग्रिड से खरीद सकते हैं. सरमा ने कहा कि भूमि, प्रोत्साहन और कुशल कार्यबल तैयार करना कुछ ऐसी चुनौतियां हैं, जिनका हम पूर्वानुमान लगाते हैं. हम प्रस्तावों को वर्गीकृत करने की योजना बना रहे हैं.
पीएम मोदी के आने से उत्साहः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता कार्यबल तैयार करना तथा शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए समझौता ज्ञापनों को क्रियान्वयन के लिए आगे बढ़ाना होगी. उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, जिसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्योगपतियों से राज्य में निवेश करने का आह्वान है. सरमा ने कहा कि आमतौर पर प्रधानमंत्री किसी खास राज्य के लिए काम नहीं करते, लेकिन उन्होंने असम के लिए काम किया है.
राज्य में शांति के कारण निवेशः सरमा ने कहा कि रणनीतिक भौगोलिक स्थिति के अलावा यह संदेश कि 'राज्य अब स्थिर, सुरक्षित और शांतिपूर्ण है' ने भी शिखर सम्मेलन को कामयाब बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. कई उद्योगपति स्वयं ही यहां आए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई युवा 'राज्य के राजदूत' रहे हैं और उन्होंने राज्य में व्याप्त शांति और अमन-चैन के संदेश तथा इसके असीमित अवसरों को देश के बाकी हिस्सों और विदेशों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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