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शंभू–खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन की SC में सुनवाई आज:कल सीधे कोर्ट आने का ऑफर दिया था, बोले–हमारे दरवाजे किसानों के लिए खुले

Karni KHaryana :-

हरियाणा–पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (19 दिसंबर) फिर सुनवाई होगी। कल (18 दिसंबर) की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को सीधे उनके पास आकर बात रखने को कहा था।

वहीं पंजाब सरकार को 24 दिन से मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सेहत की देखभाल के लिए कहा था। आज होने वाली सुनवाई में किसानों की मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला दे सकता है। किसान 10 महीने से फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं।

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हरियाणा–पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (19 दिसंबर) फिर सुनवाई होगी। कल (18 दिसंबर) की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को सीधे उनके पास आकर बात रखने को कहा था।

वहीं पंजाब सरकार को 24 दिन से मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की सेहत की देखभाल के लिए कहा था। आज होने वाली सुनवाई में किसानों की मांगों को लेकर सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला दे सकता है। किसान 10 महीने से फसलों की खरीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करना ज्यादा उचित रहेगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। आपको हालात संभालने होंगे।"

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "डल्लेवाल पब्लिक पर्सनालिटी हैं। उनके साथ किसानों के हित जुड़े हुए हैं। वो कहते हैं कि 700 किसानों की जिंदगी उनके जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसलिए वो मेडिकल सहायता के लिए मना कर रहे हैं। सरकार के साथ उनके सैद्धांतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन प्रदर्शन के लिए डल्लेवाल का स्वस्थ रहना जरूरी है।"

पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल ने कहा कि हमने बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन किसानों ने मना कर दिया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "सरकार कह रही है कि किसानों को सीधे कोर्ट में अपनी बात रखने की इजाजत दी जाए। हमारे दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। वे यहां सीधे आकर सुझाव या मांगें पेश कर सकते हैं या फिर अपना प्रतिनिधि भेज सकते हैं।

13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान धरने पर बैठे हैं। यहां हरियाणा पुलिस ने बैरिकेडिंग कर उन्हें दिल्ली जाने से रोका हुआ है। 10 जुलाई 2024 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।

12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटिजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई, जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी

कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी, जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर उनसे मुलाकात की।

शंभू–खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन की SC में सुनवाई आज:कल सीधे कोर्ट आने का ऑफर दिया था, बोले–हमारे दरवाजे किसानों के लिए खुले

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