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Dabwali News प्रॉपर्टी वेबसाइट, क्रिप्टो करेंसी और शेयर बाजार मेंनिवेश से होनेवाली धोखाधड़ी से रहें सावधान : पुलिस अधीक्षक डबवाली

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Karni KHaryana :-

Dabwali News पुलिस अधीक्षक डबवाली दीप्ति गर्ग आईपीएस ने आम नागरिकों को प्रॉपर्टी वेबसाइटक्रिप्टो करेंसी और शेयर बाजार में निवेश से होने वाली धोखाधड़ी से आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि आज कल धोखेबाज आम नागरिकों से धोखाधड़ी करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे है। पंजीकृत रियल एस्टेट वेबसाइट जैसे मैजिकब्रिक्सनो ब्रोकर, 99 एकड़ का उपयोग करने वाले जो अपनी संपत्ति को बिक्री या किराए पर लेने के लिए इन वेबसाइट्स पर सूचीबद्ध करते है। धोखाधड़ी करने वाले इस मंच का इस्तेमाल कर न मालिकों के साथ किरायेदार से भी वित्तीय धोखाधड़ी कर सकते है। धोखाधड़ी करने वाले संभावित  किरायेदार के रूप में संपत्ति के मालिक या दलाल को बुलाते हैं और कीमत पर बातचीत किए बिना संपत्ति में रुचि दिखाते हैं। नकली किरायेदार बना व्यक्ति मालिक को टोकन राशि/अग्रिम किराया प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कह सकता है। पीड़ित क्यूआर कोड को यह मानते हुए स्कैन करता है कि वे अपने खाते में पैसा प्राप्त करेंगेलेकिन वे पिन/पासकोड बदलने में चूक जाते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। धोखाधड़ी करने वाले किरायेदारों को कम किराए की दर का लालच देफर्जी संपत्ति मालिक बन पोस्ट और विज्ञापन भी निकाल सकते हैं। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिक किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन करने से पहले अनजान व्यक्ति की वास्तविकता को सत्यापित कर ले फोन कॉल पर विश्वास न करे। किसी भी भुगतान को प्राप्त करने लिए पिन या पासकोड को आवश्यकता नही होती । किसी भी प्रकार के साईबर क्राईम  की सुचना www.cyber- crime.gov.in पर करे। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि डिजिटल निवेश समय के साथ बढ़ा है। शेयर निवेश में लोकप्रियता के कारण धोखेबाज अलग-अलग तरीके से निवेशको को धोखा दे रहे है ।

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पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर जालसाज सोशल मीडिया चैनलों पर आमजन को लालच देते हैं और शेयर बाजार में निवेश पर उच्च प्रतिलाभ का वादा करते हैं। वे कॉल या एसएमएस भी भेज सकते हैंमैसेंजर चैनलों पर नागरिकों को जोड़ निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा करते हैं। धोखेबाज नागरिकों को डीमैट खाता खोलने के लिए कहखाता खोलने या प्रसंस्करण शुल्क की मांग कर सकता है। जब कोई नागरिक धोखेबाजों के खाते में निवेश का पैसा जमा करता हैतो जालसाज नागरिक को फर्जी ग्राफखरीद के प्रमाण के रूप में एक प्रमाण पत्र और शेयरों के मालिकों के प्रमाण पत्र के साथ दैनिक आधार पर उनके द्वारा किए गए मुनाफे को दिखाते हैं। और जब नागरिक निवेशित शाखा से अपना निवेश वापसी के लिए अनुरोध करता हैतो जालसाज जवाब नहीं देता है। इसी तरह से मौजूदा समय में जैसे जैसे लोग क्रिप्टो करेंसी में रुचि लेने लगे है धोखेबाज आपको गारंटी देते है कि आप पैसा कमाए और कम समय में आपके निवेश को डॉलर या क्रिप्टो करेंसी में दोगुना करने का वादा कर धोखाधड़ी करते है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए नागरिकों को शेयर बाजार में निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड सलाहकारों से सलाह ले।

पुलिस कर्मचारियों को तीन नए आपराधिक कानून बारे दी जानकारी

एसपी डबवाली दीप्ति गर्ग आईपीएस के निर्देशानुसार डॉक्टर भीम राव अंबेडकर कॉलेज डबवाली में सेमिनार का आयोजन कर पुलिस कर्मचारियों को दी नए कानूनों की जानकारी

            डबवाली 26 अगस्त । पुलिस अधीक्षक डबवाली श्रीमती दीप्ति गर्ग आई पी एस के निर्देशानुसार आज डा.भीम राव अम्बेडकर कॉलेज डबवाली के सभागार में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन कर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को तीनों नए कानूनों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया। इस दौरान नए कानूनों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 व  भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई 2024 से लागू हो चुके हैं जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी)दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) व भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया है।

   भारतीय न्याय संहिता में  भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के अतिरिक्त कुछ धाराएं और जोड़ी गई हैं जिनमें मुख्यतः  विदेश में बैठे अपराधियों द्वारा उत्प्रेरण करना,  संगठित अपराध व आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त लोगों के  खिलाफ कार्रवाई इत्यादि सम्मिलित है।

 👉 नये कानून मे इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यो को ज्यादा महत्व  देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम/ ऑडियो विजुअल बयान रिकॉर्ड  किए जाएंगे  तथा तलाशी अथवा जब्ती की प्रक्रिया के दौरान वीडियोग्राफी  करवाने का भी प्रावधान जोड़ा गया है जिससे अपराधियों को सजा दिलाने में  मदद मिलेगी।

  👉नए कानून में ऐसे अपराध जिनमें 3 वर्ष से कम की सजा हैउनमें आरोपित यदि 60 वर्ष से अधिक आयु का है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति  लेने का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अतिरिक्त  प्रारंभिक जांच की आवश्यकता होने पर 14 दिन के अंदर जांच अमल में लाई जाएगी व जांच से पूर्व उप पुलिस अधीक्षक या उनसे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी।

           सेमीनार में महिला उप नि.राजकौर,P/SI प्रिती, सहायक उप नि. सुबे सिंह सीडीआई उप नि. गुरजीत सिंह , सेना लिपीक रमेश मान, लाईन अफसर स.उप नि. राजेश कुमार व अन्य काफी संख्या में अनुसंधानकर्ता व पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

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