टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, लेकिन एक तरीका जो बहुत दिलचस्प है और बहुत से लोग पूरी तरह समझ नहीं पाते हैं, वो है पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर करना। ये एक स्मार्ट मूव हो सकता है, लेकिन इसके नियमों को समझना ज़रूरी है। अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर पैसे ट्रांसफर करते हैं और वो उसमें निवेश करती हैं, तो उससे होने वाली आय आपकी आय में जुड़ सकती है। लेकिन, सही प्लानिंग के साथ आप क्लबिंग प्रोविजन का लाभ उठाकर टैक्स बचा सकते हैं। आइए इस तरकीब को विस्तार से समझते हैं।
पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर करके टैक्स बचाने की प्लानिंग करना बहुत समझदारी भरा हो सकता है, लेकिन इसके लिए नियमों को ठीक से समझना ज़रूरी है।
1. क्लबिंग प्रोविजन को समझें
अगर आप अपनी पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर करते हैं और वो उस पैसे से कोई निवेश करती हैं, तो उस निवेश से होने वाली आय क्लबिंग प्रोविजन के तहत आपकी आय में जुड़ जाएगी।
उदाहरण: अगर आप अपनी पत्नी को 5 लाख रुपये देते हैं और वह इसे फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करती है, जिस पर 50,000 रुपये ब्याज मिलता है, तो यह 50,000 रुपये आपकी आय में जुड़ जाएंगे और आपको इस पर टैक्स देना होगा।
2. टैक्स बचाने के कानूनी तरीके
अगर आप इनकम टैक्स क्लबिंग के नियमों का पालन करके उचित प्लानिंग करते हैं, तो आप टैक्स बचा सकते हैं:
अगर पत्नी को गिफ्ट के तौर पर पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं, तो यह टैक्स फ्री होता है। लेकिन गिफ्ट की रकम से होने वाली आय क्लबिंग के तहत आपकी आय में जुड़ जाएगी।
पत्नी के नाम पर टैक्स-फ्री इनकम इंस्ट्रूमेंट चुनें:
टैक्स-फ्री बॉन्ड
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
इन विकल्पों पर मिलने वाला ब्याज टैक्स-फ्री होता है और क्लबिंग प्रावधान लागू नहीं होता।
अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरे स्रोत से निवेश करें:
अगर आपकी पत्नी की अपनी आय है (जैसे कि नौकरी या व्यवसाय से), तो क्लबिंग प्रावधान उसकी आय पर लागू नहीं होगा।
पति-पत्नी का संयुक्त खाता और निवेश:
अगर पति और पत्नी दोनों मिलकर निवेश करते हैं, तो आय का हिस्सा निवेश हिस्से के अनुपात में विभाजित किया जाता है।
3. पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदना
अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं और उससे किराये की आय प्राप्त करते हैं, तो वह आय आपकी आय में जुड़ जाएगी।
लेकिन अगर पत्नी उस संपत्ति का खुद इस्तेमाल करती है या आय को कर-मुक्त साधनों में फिर से निवेश करती है, तो कर बचाया जा सकता है।
4. कर-मुक्त उपहारों की सीमा
पत्नी को दिए गए उपहार की राशि पर कोई कर नहीं लगता।
लेकिन क्लबिंग प्रावधान इस राशि से उत्पन्न आय पर लागू होगा।
निष्कर्ष
पत्नी के खाते में पैसे ट्रांसफर करके कर बचाने के लिए, नियमों का ठीक से पालन करना और समझदारी से निवेश करना महत्वपूर्ण है। कर-मुक्त साधनों का उपयोग और उचित योजना आपको इस रणनीति से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
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