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हरियाणा में CET में कैटगिरी बदलने पर आरक्षित युवाओं को मिलेगा ज्यादा अंकों का फायदा...पढ़ें भर्ती का पूरा गुना- भाग गणित

Raman Deep Kharyana :-



हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सीईटी अंकों को लेकर युवाओं में फैले भ्रम को दूर किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उच्चतम अंकों का लाभ मिलेगा भले ही उनकी श्रेणी में बदलाव हुआ हो। सीईटी 2022 और 2025 में से उच्चतम स्कोर के आधार पर ही अगले चरण के लिए चयन होगा। श्रेणी का निर्धारण सीईटी 2025 के अनुसार किया जाएगा।


सीईटी : श्रेणी बदलने के बावजूद आरक्षित वर्ग के युवाओं को मिलेगा उच्चतम अंकों का लाभ


 हरियाणा में सरकारी विभागों और बोर्ड-निगमों में भर्ती के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में आरक्षित वर्ग के युवाओं की श्रेणी बदलने के बावजूद उन्हें उच्चतम अंकों का लाभ मिलेगा।


हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने युवाओं में भ्रम को देखते हुए स्थिति स्पष्ट कर दी है। वर्ष 2022 में आयोजित सीईटी और 2025 में आयोजित होने वाले सीईटी में मिले उच्चतम अंकों के आधार पर युवाओं को अगले चरण के लिए बुलाया जाएगा


दो तरह से मिलता है आरक्षण

प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों आरक्षण में कोटा लागू करते हुए अनुसूचित जातियों (एससी) को दो वर्गों में विभाजित किया है। पहली वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी) और दूसरी अन्य अनुसूचित जातियां (ओएससी)। ऐसे में सवाल उठ रहे थे कि यदि किसी अभ्यर्थी को सीईटी-2022 में एससी वर्ग में 80 अंक मिले और अब डीएससी के अंतर्गत 70 अंक मिलते हैं तो मेरिट बनाते समय उसके कौन से अंक और श्रेणी मान्य होगी।


इस पर एचएसएससी ने स्पष्ट किया है कि किसी विज्ञापन के तहत युवा डीएससी श्रेणी के तहत आवेदन करता है तो उसकी उम्मीदवारी उच्चतम अंकों के साथ डीएससी श्रेणी के तहत विचार की जाएगी। दो या अधिक सीईटी के उच्च स्कोर के आधार पर उम्मीदवार को सीईटी के दूसरे चरण में जाने के लिए शार्टलिस्ट किया जाएगा


किस प्रकार होगी अंकों की गणना


इसी तरह सवाल उठ रहा था कि यदि किसी अभ्यर्थी के सीईटी 2022 के अनुसार स्कोर 75 अंक है और उसकी श्रेणी सामान्य है और सीईटी 2025 के अनुसार उसका स्कोर 70 है, लेकिन उसकी श्रेणी क्रीमी लेयर में बदलाव के कारण बीसी-बी में बदल दी गई है, तो उसे सामान्य श्रेणी में माना जाएगा या बीसी-बी में।


इस पर स्पष्ट किया गया है कि उम्मीदवार की श्रेणी सीईटी-2025 में उल्लेखित श्रेणी और सीईटी प्रयासों में प्राप्त उच्चतम स्कोर के आधार पर निर्धारित की जाएगी। उपरोक्त सिद्धांत सभी श्रेणियों में लागू होगा। सीईटी के उच्चतम स्कोर को शार्ट लिस्टिंग के लिए आधार माना जाएगा। उम्मीदवार को उस श्रेणी में माना जाएगा, जिसमें वह विज्ञापन के अनुसार आवेदन करता है।


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