हरियाणा में हिसार के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बादल फिलहाल छट गए हैं। चेयरमैन के खिलाफ एकजुट हुए पार्षदों में सेंध लग गई है। कुछ पार्षद पाला बदलकर वापस चेयरमैन की तरफ चले गए हैं।
वहीं, पूर्व में कुर्सी न जाने का दावा करने वाले चेयरमैन सोनू सिहाग का दाव विपक्षी पार्षदों पर भारी पड़ा है। चेयरमैन ने समर्थित पार्षदों की निष्ठा को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने ही उनकी परेड करवा दी।
सोनू सिहाग को मजबूत करने में PWD मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने अहम भूमिका निभाई। खास बात यह रही कि मंत्री गंगवा के आलोचक रहे वार्ड 20 के पार्षद दर्शन गिरी भी उनके साथ दिखाई दिए। जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षदों का समर्थन चाहिए और इतने ही पार्षदों ने CM के सामने चेयरमैन का साथ देने का वादा किया है।
चेयरमैन सोनू सिहाग को वार्ड 20 से पार्षद दर्शन गिरी महाराज, वार्ड 8 से वीर सिंह, वार्ड 26 से राजेंद्र चहल, वार्ड 7 से महेंद्र साहू, वार्ड 17 से मोहित मलिक, वार्ड 26 से यादवेंद्र यादव, वार्ड 28 से दिनेश श्योराण, वार्ड 3 से कर्मकेश कुंडू, वार्ड 1 से विकास सेलवाल, वार्ड 19 से ओपी मालिया और वाइस चेयरपर्सन रीना बूरा का समर्थन हासिल है। रीना बूरा के पति समुंद्र बूरा CM से मिले थे। हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, JJP और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए।
ऐसे में JJP बड़ी पार्टी जरूर बनी, लेकिन कुर्सी की चाभी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया, जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना।
भाजपा चेयरमैन को कुर्सी से हटाने के लिए करीब 24 पार्षद एकजुट हो गए थे। जिला परिषद में कुल 30 पार्षद हैं। ऐसे में चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा हो गया था। इसके बाद पार्षद एकजुट होकर DC को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने का प्रस्ताव लेकर गए तो DC पहले ही छुट्टी जा चुके थे।
DC की गैरमौजूदगी में हिसार ADC के पास पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए कहने गए तो ADC पार्षदों के आने से पहले ही निकल पड़ीं। पार्षदों ने पता किया तो पता चला ADC मैडम का कुत्ता बीमार हो गया है। पार्षदों के जाने के बाद ADC कार्यालय आईं।
इसके बाद पार्षद एकत्रित होकर ADC से दोबारा मिले तो ADC ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। ADC ने कहा कि DC साहब ट्रेनिंग पर बाहर गए हैं। उनके आने पर ही कुछ हो सकेगा।
DC के छुट्टी जाने और ADC के हाथ खड़े करने के बाद चेयरमैन को कुर्सी बचाने का पूरा समय मिल गया। इस बीच चेयरमैन ने मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से संपर्क किया और कुर्सी को बचाने की कवायद शुरू की।
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि, चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। हालांकि, खिलाफ पार्षदों की संख्या 23 थी। ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा था।
हरियाणा में मंत्रियों ने जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बचाई:अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहे गुट से पार्षद तोड़े; CM सैनी के सामने परेड कराई
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