इसके तहत शाम 7:50 बजे हूटर बजेगा और ब्लैक आउट किया जाएगा। दुबारा हूटर 8 बजे बजेगा और लाइट शुरू कर दी जाएगी। प्रशासन ने अपील की है कि डरने या घबराने वाली कोई बात नहीं है, सिर्फ सुरक्षा बंदोबस्त को चेक करने के लिए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ये अभियान चलाया जाएगा। अब 11 की बजाय हरियाणा के सभी 22 जिलों में मॉक ड्रिल होगी।
आज मॉक ड्रिल के दौरान शाम 7.50 बजे से 8.00 बजे तक 10 मिनट के लिए जिले में रहेगा ब्लैकआउट
उपायुक्त महावीर कौशिक ने आमजन से की है सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना करने की अपील
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के रूप में हरियाणा सरकार द्वारा आज दिनांक सात मई को राज्य के सभी जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन स्थिति में स्वास्थ्य और अग्निशमन आदि जरूरी सेवाओं को चेकअप कर और अधिक प्रभावशाली बनाना है।
मॉक ड्रिल के दौरान शाम 7.50 बजे से 8.00 बजे तक 10 मिनट के लिए जिले में ब्लैकआउट रहेगा। ब्लैकआउट से पहले सायरन बजेगा। उपायुक्त महावीर कौशिक ने जिला के सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि उनको ब्लैकआउट के दौरान किसी भी तरह डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। मॉक ड्रिल के दौरान नागरिक भयभीत न हों। मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों में आपातकालीन स्थिति के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर की जाने वाली गतिविधियों के प्रति जागरूक करना है। ऐसे में नागरिक सरकार द्वारा जारी की गई हिदायतों की पालना करें।
ब्लैकआउट के दौरान क्या करें और क्या न करें
- ब्लैकआउट की घोषणा होने/सायरन चालू होने पर गैस/बिजली के उपकरण बंद कर दें।
- ब्लैकआउट के दौरान नागरिक घर के अंदर रहें और खिड़कियों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो अपने वाहन को सडक़ किनारे पर गाड़ी पार्क करें और लाइटें बंद कर दें। जहां हैं वहीं रहें और इधर-उधर न जाएं।
अलर्ट के दौरान सभी इनडोर और आउटडोर लाइट बंद कर दें। इन्वर्टर या वैकल्पिक बिजली आपूर्ति को डिस्कनेक्ट कर दें।
- बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों की हर समय निगरानी की जाए।
- खिड़कियों के पास फोन या एलईडी डिवाइस का इस्तेमाल न करें।
- मोटे पर्दे का इस्तेमाल करें या खिड़कियों को कार्ड बोर्ड/पैनल से ढकें।
- व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी न फैलाएं।
- ड्रिल के बाद नए निर्देश होने तक कोई अन्य गतिविधि न करें।
- अपनी प्रतिक्रिया स्थानीय आरडब्ल्यूए या प्रशासन के साथ साझा करें।
- अपने आस-पास के बच्चों या बुजुर्गों से बात करें।
- उन्हें आश्वस्त करें कि यह सिर्फ़ तैयारी का उपाय था।
नोट: यह मॉक ड्रिल अभ्यास चिकित्सा प्रतिष्ठानों, यानी अस्पतालों और नर्सिंग होम पर लागू नहीं होता है। हालांकि, उन्हें ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढकना चाहिए और सतर्क रहना चाहिए।
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