हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ED) हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए आगे आया है.
ईडी ने सीआईडी को पत्र लिखकर मामले की पूरी जानकारी, जिसमें एफआईआर, रिमांड रिपोर्ट और बयान शामिल हैं, मांगी है. अपेक्षित दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ईडी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर सकता है.
बता दें कि सीआईडी ने पहले इस मामले में एचसीए अध्यक्ष जगनमोहन राव सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था.
इससे पूर्व तेलंगाना सीआईडी ने अपनी चल रही जांच के दौरान हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA) में कई वित्तीय अनियमितताओं और प्रक्रियात्मक उल्लंघनों का खुलासा किया.
जांच से पता चला है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा स्वीकृत 2.32 करोड़ रुपये का दुरुपयोग एचसीए के अध्यक्ष जगन मोहन राव सहित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया.
एफआईआर और रिमांड रिपोर्ट के अनुसार, सीआईडी ने पाया कि जगन मोहन राव ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री कृष्ण यादव, जो गौलीपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे, के जाली हस्ताक्षर किए और उनकी जानकारी के बिना एसोसिएशन का नाम बदलकर श्री चक्र क्रिकेट क्लब कर दिया.
एफआईआर के अनुसार, बाद में, कविता (राजेंद्र यादव की पत्नी) को नवगठित क्लब का अध्यक्ष और राजेंद्र यादव को महासचिव नियुक्त किया गया.
इसके बाद जगन मोहन राव इस क्लब में शामिल हो गए और एक वर्ष की सदस्यता के नियम का उल्लंघन करते हुए केवल एक महीने के लिए सदस्य होने के बावजूद 20 अक्टूबर, 2023 को आयोजित एचसीए अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीत गए.
मामले में सीआईडी ने जगन मोहन राव, श्री चक्र क्रिकेट क्लब के महासचिव राजेंद्र यादव, श्री चक्र क्रिकेट क्लब की अध्यक्ष कविता, एचसीए कोषाध्यक्ष सीजे श्रीनिवास राव और एचसीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील कांते को गिरफ्तार किया. उन्हें मलकाजगिरी अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चंचलगुडा और चेरलापल्ली जेल भेज दिया गया. एक अन्य फरार आरोपी, एचसीए सचिव देवराज को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
नियमों का उल्लंघन और धन का दुरुपयोग
जगन मोहन राव भारतीय हैंडबॉल संघ (HAI) के महासचिव पद पर रहते हुए एचसीए एपेक्स काउंसिल के सदस्य बन गए, जो नियमों के विरुद्ध है.
2024 में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित इंडियन प्रीमियर लीग मैचों के दौरान खानपान और अन्य सेवाओं के लिए अनुबंध प्रदान करते समय ई-खरीद प्रक्रिया को दरकिनार कर दिया गया, जिससे अध्यक्ष को पसंदीदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का मौका मिल गया.
वित्तीय अनियमितताओं पर एक नजर
प्लंबिंग कार्य (आईपीएल 17 और 18 सीज़न, 2023-25): एचसीए खातों में व्यय के रूप में 21,70,742 रुपये दिखाए गए, भले ही यह कार्य सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा किया गया था.
एसी स्थापना (आईपीएल 18 सीज़न): 11,85,609 रुपये की लागत से बिना निविदा के एसी स्थापित किए गए.
विद्युत उपकरण खरीद: पारदर्शिता के बिना 6,85,418 रुपये के व्यय का दावा किया गया.
खानपान सेवाएं: श्रीनिवास रिसॉर्ट्स एजेंसी को 31,07,700 रुपये का भुगतान किया गया. गौरतलब है कि यह ठेका गुरुज़ कैटरर्स (L1) को दरकिनार करते हुए L2 को दिया गया, जिसने सबसे कम कीमत बताई थी.
क्रिकेट गेंदों की खरीद (घरेलू सीजन 2024-25): 1,340 क्रिकेट गेंदों की खरीद पर 1,03,74,118 रुपये खर्च दिखाए गए, जिससे बढ़ा-चढ़ाकर बिल बनाए जाने पर चिंता पैदा हुई.
खिलाड़ियों की पोशाक: निविदा आमंत्रित किए बिना 56,84,605 रुपये की राशि खर्च की गई.
सीआईडी के अनुसार, जांच से जगन मोहन राव के नेतृत्व में जालसाजी, आधिकारिक पद का दुरुपयोग, निविदा प्रोटोकॉल का उल्लंघन और वित्तीय कुप्रबंधन के एक व्यवस्थित पैटर्न की ओर इशारा मिलता है.
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