मृतकों के परिजनों से माफी मांगने को अल्फाज नहीं
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को पहलगाम अटैक में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मेजबान होने के नाते मैं सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था।
इन लोगों के परिजन से मैं कैसे माफी मांगू। मेरे पास कोई शब्द नहीं है। उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा लोगों की चुनी हुई हुकूमत की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन सीएम और टूरिज्म मिनिस्टर होने के नाते मैंने इन्हें बुलाया था।
मेजबान होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि इन्हें सुरक्षित भेज नहीं भेज पाया। उमर ने कहा कि उन बच्चों से क्या कहता, जिन्होंने अपने वालिद को खून में लिपटा हुआ देखा। उस नेवी अफसर की विधवा को क्या कहूं, जिन्हें शादी किए हुए ही चंद दिन हुए थे
कुछ लोगों ने पूछा कि क्या कसूर था हमारा। हम पहली बार कश्मीर आए थे, छुट्टी मनाने के लिए। इस छुट्टी का जिंदगी भर खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बैसरन का हमला 21 साल के बाद इतना बड़ा हमला है। यह हमला सिविलियंस पर सबसे बड़ा हमला है। यह हमारा मुस्तकबिल नहीं है, यह हमारे अतीत की कहानी है।
अब लगता है कि अगला हमला कहां पर होगा। मेरे पास अल्फाज नहीं थे कि क्या बोलूं, मरने वालों के घरवालों से माफी कैसे मांगूं।
पहलगाम अटैक पर मुख्यमंत्री का भावुक संबोधन, कहा, पर्यटकों की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी थी
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