अमेरिकी राष्ट्रपति ने निर्माण बंद करने को कहा था ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी ‘एप्पल’ से भारत में आईफोन बनाने को मना कर दिया है। इसके बाद कंपनी ने डोनाल्ड ट्रंप को ही करारा जवाब दे दिया। कंपनी ने कहा कि भारत में उसका निवेश जारी रहेगा। साथ ही भारत में कंपनी के उत्पादों को बनाने के लिए एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब भी बनाया जाएगा।
दरअसल, ट्रंप ने कतर यात्रा के दौरान एप्पल के CEO टिम कुक से इस बारे में बात की। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने एप्पल कंपनी से अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने की बात कही और भारत में इन्कार किया। उन्होंने कहा, “टिम, तुम मेरे दोस्त हो। तुम्हारी कंपनी अमेरिका में 500 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। लेकिन मैंने सुना कि तुम भारत में भी यही करोगे। मैं चाहता हूँ कि तुम भारत में निर्माण न करो।”
वहीं, एप्पल कंपनी ने साल 2026 तक भारत में अधिकतर आईफोन बनाने का फैसला बनाया है। इससे चीन पर निर्भरता कम हो जाएगी। भारत में आईफोन के उत्पादन में तेजी आई है। मार्च 2025 तक पिछले 12 महीने में भारत में 22 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का उत्पादन हुआ था। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 60 फीसदी ज्यादा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने Apple Inc. के टिम कुक से भारत में प्लांट्स बनाने को बंद करने को कहा है, जबकि iPhone मेकर की प्लानिंग चीन से बाहर मैन्युफैक्चरिंग डायवर्सिफाई करने की है। ट्रम्प ने कतर में अपनी स्टेट विजिट के दौरान Apple के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के साथ बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे कल टिम कुक के साथ थोड़ी समस्या हुई। वह भारत में हर जगह बिल्डिंग कर रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि आप भारत में बिल्डिंग का काम करें।'
इस चर्चा के परिणामस्वरूप, ट्रम्प ने कहा कि Apple 'अमेरिका में अपने प्रोडक्शन को बढ़ाएगा।' न्यूज एजेंसियों से मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएस प्रेसिडेंट ने कहा, 'हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं कि आप भारत में बिल्डिंग का काम करें। भारत खुद का ध्यान रख सकता है।'
ट्रम्प ने कहा कि भारत में दुनिया के सबसे ऊंचे टैरिफ बैरियर्स में से एक है और दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में अमेरिकी प्रोडक्ट्स बेचना बहुत मुश्किल है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत ने अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम करने की पेशकश की है, क्योंकि ये एशियाई देश इम्पोर्ट टैक्स पर समझौता चाहता है।
राष्ट्रपति के बयान से Apple की अगले साल के अंत तक ज्यादातर अमेरिकी iPhone की सप्लाई भारत से सोर्स करने की योजना पर असर होगा। जो टैरिफ और जियोपॉलिटिकल चिंताओं के बीच चीन पर निर्भरता कम करने के लिए थी। Apple अपने अधिकांश iPhones चीन में बनाता है और अमेरिका में इसका कोई स्मार्टफोन प्रोडक्शन नहीं है।
Apple और इसके सप्लायर्स ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से दूरी बनाने की प्रक्रिया को तेज किया है, जो तब शुरू हुई जब कठोर कोविड लॉकडाउन ने इसके सबसे बड़े प्लांट में प्रोडक्शन को नुकसान पहुंचाया था। ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ और बीजिंग-वॉशिंगटन तनाव ने Apple को इस प्रयास को और बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
भारत में बने iPhones का अधिकांश हिस्सा Foxconn Technology Group की दक्षिण भारत में स्थित फैक्ट्री में असेंबल होता है। Tata Group की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, जिसने Wistron Corp. का स्थानीय बिजनेस खरीदा और भारत में Pegatron Corp. के ऑपरेशन्स चलाती है, भी एक मेजर सप्लायर है। Tata और Foxconn दक्षिण भारत में नए प्लांट्स बना रहे हैं और प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी मिली थी।
Apple ने मार्च तक के 12 महीनों में भारत में 22 बिलियन डॉलर वैल्यू के iPhones असेंबल किए, जो पिछले साल की तुलना में प्रोडक्शन में लगभग 60% की वृद्धि है।
भारत में सबसे अधिक बनेगा iPhone: एप्पल CEO टिम कुक ने डोनाल्ड ट्रंप को दिया करारा जवाब
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