समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर थाना क्षेत्र से दर्दनाक घटना सामने आई है. जहां सांपों के मसीहा कहे जाने वाले बसही भिंडी वार्ड-3 निवासी 35 वर्षीय जय कुमार सहनी की गुरुवार को एक विषैले सांप के काटने से मौत हो गई. जय पिछले पांच सालों से सांपों को रेस्क्यू करने काम रहा था. जिस वजह से उसे जिलेभर में ‘सांपों का मसीहा’ कहा जाता था.
सांपों के मसीहा की मौत: जय सोशल मीडिया पर भी अपने काम की वजह से काफी चर्चा में रहता था. उसके सांप पकड़ने के वीडियो को लोग काफी पसंद रहते थे. बता दें कि जय ने अब तक 2000 से अधिक सांपों का रेस्क्यू किया था, जिसके बाद उन्हें सुरक्षित जंगलों में छोड़ देता था. गुरुवार को भी वो पास के गांव से फोन आने पर वहां एक विषैले सांप को रेस्क्यू करने गये थे.
सांप को रेस्क्यू करने गये थे जय: सूचना मिलने के बाद जय तुरंत मौके पर पहुंचकर सांप का रेस्क्यू करने लगे. इसी दौरान सांप ने उनके दाहिने हाथ के अंगूठे पर डस लिया. घटना के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. परिजनों और ग्रामीणों की मदद से जय को समस्तीपुर सदर अस्पताल लाया गया. जहां डॉक्टर संतोष कुमार झा ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने बताया कि जब तक जय को अस्पताल लाया गया, तब तक काफी देर हो चुकी थी. जिससे उसकी मौत हो गई.
"विषैले सांप ने जय को डसा था, जिसका जहर उसके पूरे शरीर में फैल चुका था. अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. शव परिजनों को दे दिया गया है."- संतोष कुमार झा, डॉक्टर
बचपन से था डानवरों से लगाव: जय की मौत की खबर मिलते ही पूरे जिले में मातम छा गया है. लोग सोशल मीडिया पर जय को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. बता दें कि जय की शादी 13 साल पहले हुई थी और उनके दो छोटे बेटे हैं. जय के पिता शिवलगन सहनी ने बताया कि जय को बचपन से ही जानवरों से लगाव था. जय ने बिना किसी ट्रेनिंग के यह काम सीखा था. स्थानीय लोगों का कहना है कि "अगर समय पर सही इलाज होता तो जय की जान बच सकती थी. मोरवा प्रखंड के गुनाई वसही गांव में रेस्क्यू के दौरान उन्हें सांप ने काटा था, लेकिन इलाज में देरी हो गई."
बचपन से था डानवरों से लगाव: जय की मौत की खबर मिलते ही पूरे जिले में मातम छा गया है. लोग सोशल मीडिया पर जय को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. बता दें कि जय की शादी 13 साल पहले हुई थी और उनके दो छोटे बेटे हैं. जय के पिता शिवलगन सहनी ने बताया कि जय को बचपन से ही जानवरों से लगाव था. जय ने बिना किसी ट्रेनिंग के यह काम सीखा था. स्थानीय लोगों का कहना है कि "अगर समय पर सही इलाज होता तो जय की जान बच सकती थी. मोरवा प्रखंड के गुनाई वसही गांव में रेस्क्यू के दौरान उन्हें सांप ने काटा था, लेकिन इलाज में देरी हो गई."
"जय को बचपन से जानवरों से काफी प्रेम था. वह घंटों सांपों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ने के काम में लगा रहता था. यही काम करने के दौरान उसकी मौत भी हो गई."- जय के पिता
क्या कहती है पुलिस?: ताजपुर थाना अध्यक्ष सनी कुमार मौसम ने कहा कि अब तक घटना की लिखित सूचना नहीं मिली है. जैसे ही सूचना प्राप्त होगी, मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. जय कुमार सहनी की मौत न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे समस्तीपुर के लिए एक बड़ी क्षति है.
"जय के मौत की कोई लिखित सूचना नहीं मिली है. जानकारी मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी. उनका जीवन दूसरों को बचाने में ही बीत गया और वही सेवा उनकी जान ले गई."-सनी कुमार मौसम, थानाध्यक्ष, ताजपुर
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