हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों, हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों और आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले सत्याग्रहियों की मासिक पेंशन में वृद्धि की है। यह निर्णय समाज के इन महत्त्वपूर्ण वर्गों के प्रति राज्य सरकार की सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है।
यह बढ़ी हुई पेंशन 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होगी। इसका उद्देश्य इन व्यक्तियों के जीवन स्तर में सुधार करना और उनके योगदान को मान्यता देना है।
हरियाणा सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों, हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों और आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले सत्याग्रहियों की पेंशन में बढ़ोतरी का फैसला उनकी सेवाओं को सम्मानित करने के लिए लिया है।
1. स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन:
स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने वाले सेनानियों को दी जाने वाली मासिक पेंशन में वृद्धि की गई है।
यह पेंशन उन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को भी दी जाती है, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
2. हिंदी आंदोलन-1957 के सत्याग्रहियों की पेंशन:
ये वे लोग थे, जिन्होंने हिंदी को मातृभाषा के रूप में स्थापित करने के लिए संघर्ष किया था।
उनकी पेंशन में भी वृद्धि कर उन्हें सम्मानित किया गया है।
3. आपातकाल (1975-77) के सत्याग्रही:
आपातकाल के दौरान लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले और जेल जाने वाले सत्याग्रहियों की भी पेंशन बढ़ाई गई है।
यह उन लोगों को प्रोत्साहन है जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपना योगदान दिया।
नई दरें:
हालांकि सरकार ने अभी नई पेंशन दरों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है कि यह पेंशन पहले की तुलना में अधिक होगी।
प्रभाव :
यह कदम इन वर्गों के लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
समाज में उनके योगदान को याद रखने और अगली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा देने का काम करेगा।
हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा फैसला..! इन लोगों की पेंशन हुई डबल
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