विनेश फोगाट ने हाल ही में हरियाणा सरकार से एक अनोखी मांग की है। उन्होंने 4 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार के साथ-साथ एक प्लॉट भी मांगा है। सरकार ने उन्हें 4 करोड़ रुपये कैश, एक प्लॉट, या ग्रुप ए नौकरी में से किसी एक का विकल्प दिया था। विनेश फोगाट की इस मांग ने खेल विभाग को असमंजस में डाल दिया है, क्योंकि उन्हें केवल एक विकल्प चुनने के लिए कहा गया था.
विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में 50 किलोग्राम वर्ग में फाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन 100 ग्राम अधिक वजन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल से संन्यास ले लिया और राजनीति में कदम रखा। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जुलाना सीट से विधानसभा चुनाव जीता था.
हरियाणा सरकार ने विनेश फोगाट को रजत पदक विजेता का दर्जा देने का ऐलान किया था, जिसके तहत उन्हें ये पुरस्कार देने का फैसला किया गया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा था कि विनेश फोगाट को वह सभी लाभ मिलेंगे जो रजत पदक विजेता को मिलते हैं.
विनेश फोगाट की मांग ने सरकार के लिए एक मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि उन्होंने दो विकल्पों की मांग की है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि विधायक होने के नाते विनेश फोगाट के लिए सरकारी नौकरी का विकल्प कम संभावित था.
विनेश फोगाट ने हालांकि बाद में अपनी पसंद बदलकर केवल 4 करोड़ रुपये कैश लेने का फैसला किया है। उनका सहमति पत्र खेल विभाग को मिल चुका है और राशि देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
विनेश फोगाट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने नकद पुरस्कार को प्राथमिकता दी है। इससे पहले उन्होंने सरकार पर अपने वादे पूरे न करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें विकल्प देने का फैसला किया था.
विनेश फोगाट की राजनीतिक पारी शुरू करने के बाद यह उनका पहला बड़ा फैसला है। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था और अब वे जुलाना से विधायक हैं.
विनेश फोगाट की मांग और सरकार के फैसले ने खेल जगत में चर्चा बढ़ा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है.
विनेश फोगाट के इस फैसले से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, लेकिन सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। उन्हें अपने वादों को पूरा करने के लिए विशेष व्यवस्था करनी पड़ सकती है.
विनेश फोगाट ने हाल ही में हरियाणा सरकार से एक अनोखी मांग
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