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3 करोड़ 42 लाख रुपये की लगाई पेनेल्टी, प्रदेश की अन्य मिलों से करेंगे रिकवरी

Raman Deep Kharyana :-

चीनी मिलों के ‘किंग’ रजनीश का ‘किला’ ढहना शुरू

एथनॉल प्लांट न चलाने पर सहकारिता विभाग में हुआ ब्लैकलिस्ट


महज 5 साल के अंदर चीनी मिलों में सैकड़ों करोड़ रुपये का ‘साम्राज्य’ खड़ा करने वाले रजनीश त्यागी (मैसर्ज ओम इंटरप्राइजेज) का मजबूत किला ढहने की शुरुआत हो गई है। हरियाणा के सहकारिता विभाग ने रजनीश की फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इसके साथ ही इनकी फर्म ओम इंटरप्राइजेज पर 3 करोड़ 42 लाख रुपये की पेनेल्टी लगाई गई है, जिसकी रिकवरी प्रदेश की उन अन्य 7 चीनी मिलों को करने के लिए कहा गया है, जहां रजनीश की ‘फर्म’ फिलहाल कार्य कर रही है। ब्लैकलिस्ट होने के बाद रजनीश त्यागी की मौजूदा फर्म ओम इंटरप्राइजेज हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की किसी भी सरकारी चीनी मिल के ऑपरेशन्स एंड मेंटिनेंस कार्य की टेंडरिंग में हिस्सा नहीं ले पाएगी।


मैसर्ज ओम इंटरप्राइजेज के रजनीश त्यागी, उनके ‘अघौषित’ पार्टनर सीए दीपक खटोर (सीएओ, करनाल चीनी मिल) किस तरह से हरियाणा में सहकारिता विभाग की चीनी मिलों में शूगरफेड व जिलों के डीसी से ‘कथित’ सांठगांठ कर प्रदेश के रेवेन्यू को नुकसान पहुंचा रहे थे, इसका खुलासा पिछले दिनों लगातार चली ‘रिपोर्टिंग’ के जरिए किया गया। इसके बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई। विभिन्न स्तर से खबरों में लिखी गई बातों की जांच होने लगी, जिसके नतीजे आने की शुरुआत हो गई है। सबसे पहले शाहबाद चीनी मिल में बिना ‘अनुभव’ के एथनॉल प्लांट चलाने का टेंडर लेने और फिर पेनल्टी व सरकारी कार्रवाई से बचने के लिए रजनीश त्यागी की कथित ‘सांठगांठ’ का पर्दाफाश हुआ। चीनी मिल की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 3 करोड़ 42 लाख रुपये की पेनेल्टी लगाने से पहले ओम इंटरप्राइजेज को अपना पक्ष रखने के निर्देश भी दिए, लेकिन इनकी ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ।


इन्हें ब्लेकलिस्ट करने के आदेश की प्रतियां प्रदेश की अन्य चीनी मिलों में भी भेज दी गई हैं, जहां ऑपरेशन्स एंड मेंटिनेंस का कार्य फिलहाल रजनीश त्यागी की फर्म ओम इंटरप्राइजेज कर रही है। इन चीनी मिलों को हिदायत दी गई हैं कि वे ओम इंटरप्राइजेज द्वारा किए जाने वाले कार्य का भुगतान करने से पहले 3 करोड़ 42 लाख रुपये की रिकवरी में सहयोग दें, यानी पेमेंट उक्त फर्म को देने की बजाए शाहबाद चीनी मिल को भेजें। प्रदेश की चीनी मिलों में चल रहे रजनीश त्यागी के ‘सिंडिकेट’ की निष्पक्ष जांच करने पर हर जगह भारी अनियमितता मिलने की प्रबल संभावना हैं। निष्पक्ष जांच से चीनी मिलों व प्रदेश सरकार को होने वाले भारी-भरकम रेवेन्यू लॉस से बचाया जा सकता है।


त्यागी को बचाने की ‘आईएएस’ की तमाम कोशिश ‘नाकाम’

रजनीश त्यागी की फर्म मैसर्ज ओम इंटरप्राइजेज को पलवल व शाहबाद में नेहा सिंह, आईएएस का खासा ‘आशीर्वाद’ रहा, कम से कम दोनों जगह की चीनी मिलों में हुई ‘गड़बड़ी’ को देखकर तो यही लगता है। हालांकि, यह ‘संयोग’’ भी हो सकता है। लेकिन, एथनॉल प्लांट चलाने में ‘नाकाम’ ओम इंटरप्राइजेज को बचाने में डीसी कुरुक्षेत्र नेहा सिंह की भूमिका को सिरे से ‘नकारा’ भी नहीं जा सकता। सिर्फ जनवरी व फरवरी महीने में ही रजनीश त्यागी 6 बार उनके कैंप ऑफिस पहुंचा। हालांकि, इस बारे में पूछने पर नेहा सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन, डीसी कुरुक्षेत्र नेहा सिंह ने 9 अप्रैल को एमडी शूगरफेड को एक पत्र लिखा, जिसमें रजनीश त्यागी की फर्म के खिलाफ शाहबाद चीनी मिल में शुरू हुई कार्रवाई की जांच नई ‘कमेटी’ से कराने व चीनी मिल के स्तर पर इनके खिलाफ चल रही तमाम कार्रवाई को ‘रोकने’ के लिए कहा गया था। इसके बावजूद ओम इंटरप्राइजेज को ब्लेकलिस्ट करने व 3 करोड़ 42 लाख रुपये पेनेल्टी लगाने के बाद अफसरशाही व चीनी मिलों में चर्चा शुरू हो गई है कि रजनीश त्यागी के अभेद्य ‘किले’ को ढहने से बचाने में दो आईएएस अफसरों की तमाम कोशिशें भी ‘नाकाम’ ही साबित हुई हैं।


देश में किसी भी चीनी मिल के टेंडर में नहीं ले सकेगा ‘हिस्सा’

हरियाणा की चीनी मिलों का ‘किंग’ बनने के बाद रजनीश त्यागी ने अन्य राज्यों की चीनी मिलों में भी अपना ‘सिक्का’ जमाना शुरू कर दिया था। हरियाणा की सहकारी चीनी मिलों में इन्हें अलॉट होने वाले कार्य को ये अपना सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट बताते हुए काम ‘हथियाने’ की कोशिश करते थे। इसी कारण गुजरात व राजस्थान की चीनी मिलों में इनकी ‘एंट्री’ भी हो गई थी, लेकिन अब हरियाणा में ब्लेकलिस्ट होने के बाद ये देशभर में स्थित किसी भी चीनी मिल की टेंडर प्रक्रिया में ‘हिस्सा’ नहीं ले सकेंगे।

3 करोड़ 42 लाख रुपये की लगाई पेनेल्टी, प्रदेश की अन्य मिलों से करेंगे रिकवरी

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