सलीम और अनारकली का किस्सा फिर से याद दिला दिया।
फ़र्क़ इतना है कि तब अनारकली ज़िंदा दीवार में चुनवा दी गई थी और
आज सलीम उर्फ़ तेजू भैया ख़ुद बेवफ़ा निकले अपने स्टैंड पर टिक ही नहीं पाये तो शहंशाह ने इस बार का दंड अनारकली उर्फ अनुष्का यादव की जगह तेजू को दे डाला
लोकतंत्र है तो दीवार में न सही ,तेजू भैया को छ साल के लिए निर्वासित कर डाला।
मोरल ऑफ़ स्टोरी तेजू भाई के हाथ न माया लगी और न राम !
न अनुष्का के लिए वो स्टैंड ले सके
और इधर अपना राजनीतिक स्टैंड भी गिरा बैठे।
ऊपर से कोढ़ में खाज यह है कि बिहार में शराबबंदी है तो तेजू भाई देवदास भी नहीं बन सकते आज की शाम ग़म कैसे भुलायेंगे यह चिंता का विषय है !!
खैर मेरा अपना मानना यह है कि पहले तो तेजप्रताप को कल सोशल मीडिया पोस्ट करनी नहीं चाहिए थी , यदि किसी भावना उद्वेग में वो पोस्ट कर चुके थे तो उन्हें डिलीट नहीं करना चाहिए था।
उसके बाद लालू जी को भी अनावश्यक हाइपर नहीं होना चाहिए था तेजप्रताप की बीवी है !!नहीं है !!अनुष्का से शादी करेंगे या नहीं करेंगे इन सब बातों से वोटर को फर्क नहीं पड़ता !!
यहाँ जशोदाबेन के नाम पर कांग्रेसियों ने लाख सर पटक लिया लेकिन मोदीजी का वोट एक भी कम नहीं हुआ।
लालू जी ने आज बिल्कुल मुग़ले आज़म फ़िल्म के शहंशाह अकबर का किरदार जीवंत करते हुए
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