दृष्टि आईएएस कोचिंग चलाने वाले और सोशल मीडिया पर चर्चित इनफ्लुएंसर विकास दिव्यकीर्ति एक बार फिर विवादों में हैं.
उनका एक वीडियो "आईएएस वर्सेस जज" इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर देशभर में कई अधिकारी और अधिवक्ता नाराज हैं. इसी मामले को लेकर अजमेर कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया है.
अजमेर के न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 2 ने इस केस में विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को कोर्ट में सशरीर पेश होने का आदेश दिया है. यह आदेश कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल ने जारी किया.
मानहानि का परिवाद दायर: अजमेर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व अधिवक्ता अशोक सिंह रावत ने बताया कि यह परिवाद 2 जून 2025 को कमलेश मंडोलिया की ओर से दाखिल किया गया था. परिवाद में यह आरोप लगाया गया है कि विकास दिव्यकीर्ति ने अपने वीडियो में न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं के खिलाफ अपमानजनक और व्यंग्यात्मक टिप्पणी की है. अशोक सिंह रावत ने बताया कि कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति को सशरीर कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को कोर्ट में पेश होना होगा.
क्या है वीडियो में?: अशोक सिंह रावत का कहना है कि विवादित वीडियो में दिव्यकीर्ति ने "आईएएस बनाम जज" विषय पर चर्चा करते हुए दोनों पदों की ताकत की तुलना की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि विकास दिव्यकीर्ति ने इसमें जजों और वकीलों की छवि को लेकर आपत्तिजनक बातें कही हैं, जिससे न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता समुदाय में गहरी नाराजगी है.
कोर्ट में पेश किए गए सबूत: वकील रावत ने बताया कि आईएएस कोचिंग संस्था के संचालक पूर्व आईएएस नेताओं और अधिवक्ताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिससे न्यायिक अधिकारियों में ही नहीं बल्कि अधिवक्ताओं में भी रोष व्याप्त है.
परिवादी पक्ष ने कोर्ट में वीडियो से संबंधित साक्ष्य भी पेश किए हैं. मंगलवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है, जिसके बाद यह आदेश पारित हुआ.
जजों पर टिप्पणी के मामले में विकास दिव्यकीर्ति को अजमेर कोर्ट का नोटिस, 22 जुलाई को पेश होने का आदेश।
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