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EPFO कर्मचारी के लिए बड़ी अपडेट! जल्द होने जा रहा है ये बदलाव

Karni KHaryana :-

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा प्रस्तावित ये बदलाव कर्मचारियों के लिए अहम कदम साबित हो सकते हैं। अगर 12% अंशदान की सीमा बढ़ाई जाती है या खत्म की जाती है तो कर्मचारी अपनी आय के हिसाब से ज्यादा अंशदान कर सकेंगे, जिससे उनका रिटायरमेंट फंड बढ़ेगा।

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मुख्य बदलावों की संभावनाएं:


1. ATM से PF निकासी: इससे PF फंड को तुरंत एक्सेस करना आसान हो जाएगा।

2. इक्विटी में निवेश: इससे रिटर्न में सुधार हो सकता है, लेकिन जोखिम भी बढ़ जाएगा।

3. अंशदान सीमा में बदलाव: इससे कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए ज्यादा बचत करने का विकल्प मिलेगा।

अगर ये बदलाव लागू होते हैं तो इससे सामाजिक सुरक्षा मजबूत होगी और कर्मचारी आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे।

मौजूदा व्यवस्था में EPF खाते के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान मूल वेतन का 12% है। सरकार इस सीमा को खत्म करने की योजना बना रही है, ताकि कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12% से अधिक योगदान कर सकें।

इस बदलाव के संभावित लाभ:

1. रिटायरमेंट फंड में वृद्धि: अधिक योगदान से कर्मचारियों की रिटायरमेंट फंड में वृद्धि होगी, जिससे भविष्य में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

2. अधिक पेंशन: अधिक योगदान से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन में भी वृद्धि होगी।

3. लचीलापन: कर्मचारी अपनी वित्तीय स्थिति और जरूरतों के अनुसार योगदान तय कर सकते हैं।

सरकार का उद्देश्य:

इस कदम का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य और बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस बदलाव से 6.7 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है।

इस बदलाव के कुछ अन्य संभावित लाभ और पहलू इस प्रकार हो सकते हैं:

1. अधिक निवेश की संभावनाएँ:

कर्मचारी अधिक योगदान देकर भविष्य के लिए अधिक पूंजी जमा कर सकते हैं, जिससे रिटायरमेंट के बाद जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, ईपीएफ का पैसा लंबी अवधि तक सुरक्षित रहता है, जिससे कर्मचारियों को एक निश्चित रिटर्न मिलता है।

2. अधिक लचीलापन:

इस बदलाव से कर्मचारियों को अपनी बचत के बारे में अधिक लचीलापन मिलेगा। वे चाहें तो अपनी सैलरी के हिसाब से पीएफ में ज्यादा रकम जमा कर सकते हैं। यह खास तौर पर उच्च आय वाले कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि वे अपनी बचत का ज्यादा हिस्सा टैक्स बचत के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. टैक्स लाभ:

ईपीएफ में योगदान करने से कर्मचारियों को आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है। अगर योगदान की सीमा बढ़ा दी जाए तो कर्मचारियों को ज्यादा टैक्स लाभ मिल सकता है, जिससे उनकी कर योग्य आय कम हो जाएगी।

4. नियोक्ता का योगदान भी बढ़ेगा:

अगर कर्मचारियों का योगदान बढ़ता है तो नियोक्ता भी उसी अनुपात में योगदान बढ़ा सकता है। इससे कर्मचारियों का रिटायरमेंट फंड ज्यादा सुरक्षित और मजबूत होगा।

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