शीर्ष अदालत ने संपत्ति विवाद में दत्तक पुत्र संबंधी दावा खारिज किया।
नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए चार दशक से अधिक समय बाद बेटियों को उनके पिता की संपत्ति पर अधिकार दिलाया है।
शीर्ष अदालत संपत्ति विवाद के इस मामले में एक व्यक्ति के दत्तक पुत्र संबंधी दस्तावेज को खारिज करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।
कहा, यह पिता की संपति से बेटियों को बंचित करने की सोची-समझी चाल है।
लंबी कानूनी लड़ाई को समाप्त करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 1983 में दाखिल दत्तक पुत्र संबंधी दस्तावेज को स्वीकार नहीं करने के हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
कहा कि इसमें अनिवार्य शर्तों का पालन नहीं किया गया, जैसे कि बच्चा गोद लेने वाले व्यक्ति को अपनी पत्नी की सहमति लेनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने चार दशक बाद बेटियों को दिलाया पिता की संपत्ति पर अधिकार।
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