आज के समय में कई तरह की चीजे लोगों को किराए पर मिल जाती है। जिसे लोग कुछ समय के लिए पैसे देकर खरीदते है और फिर उस चीज को छोड़ भी देते है। लेकिन आज हम आपको ऐसे देश के बारें में बताएंगे जहां खूबसूरत लड़कियां किराए पर किसी की भी बीवी बन जाती है। इसके लिए एक समय निर्धारित होता है, उस समय तक महिला उस शख्स की बीवी बनकर रहती है जो उससे किराए पर खरीदता है। कई बार महिलाएं अपने ग्राहकों से शादी भी कर लेती है। थाईलैंड में दुनिया भर के पर्यटक घूमने के लिए जाते है। लेकिन इन दिनों ये देश किसी और कारण से काफी चर्चा में है। हाल में एक किताब के सामने आने के बाद थाईलैंड में ‘रेंटल वाइफ’ के चलन को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
थाई टैबू-द राइज ऑफ वाइफ रेंटल इन मॉडर्न सोसाइटी की किताब में बताया गया है कि थाईलैंड में पत्नी को किराये पर रखने की विवादास्पद प्रथा कैसे तेजी से अब बढ़ रही है और यह आय का एक प्रमुख स्रोत बनती जा रही है।
दरअसल थाईलैंड के पटाया में ये एक प्रथा है। यहां लोग किराए पर बीवी ले सकते हैं। इसे वाइफ ऑन हायर और ब्लैक पर्ल या फिर सीधी भाषा में कहे तो “भाड़े पर पत्नी” कारोबार भी कहते हैं। ये शादी की एक अस्थायी व्यवस्था है। जिसमें किसी युवती को पैसे देकर कुछ समय के लिए पत्नी बनाया जा सकता है। तय समय तक वह युवती एक पत्नी के सारें फर्ज निभाती है। हालांकि ये अब किसी बिजनेस की तरह फैल रहा है।
पटाया के बार, नाइटक्लब और रेस्तरां में महिलाएं ‘किराए की पत्नी’ के लिए काम करती है। विदेशी पर्यटक इन महिलाओं से संपर्क करते है। बातचीत के बाद, दोनों पक्षों की सहमति से एक अस्थायी समझौता तय किया जाता है। जिसके बाद महिलाएं दूसरे लड़को के साथ एक तय समय तक उसकी पत्नी बनकर रहती है।
महिलाएं पैसा कमाने और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए इस तरह के काम करती हैं। पत्नी को किराए पर रखने की कीमत कई कारकों पर निर्भर करती है। इसमें महिला की सुंदरता, उम्र, शिक्षा और अनुभव को ध्यान में रखा जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रथा में फीस $1,600 (लगभग ₹1.3 लाख) से लेकर $116,000 (लगभग ₹96 लाख) तक हो सकती है।
कई बार इन अस्थायी रिश्तों से स्थायी संबंध भी बन जाते हैं, और कुछ महिलाएं अपने ग्राहकों से शादी भी कर लेती हैं। इस प्रथा को लेकर थाईलैंड में कोई कानून नहीं है। लेकिन इस प्रथा की चर्चा आजकल हर तरफ हो रही है।
यहां किराए पर मिलती है खूबसूरत पत्नियां, लगी रहती है टूरिस्ट की भीड़, ऐसे तय होता है रेट
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