हरियाणा परिवहन विभाग में प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति पर कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि सिविल और पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग अलग-अलग होती है। इसलिए सिद्धांत यही कहता है कि पुलिस और सिविल को अपने-अपने विभाग में ड्यूटी करनी चाहिए, लेकिन कुछ लोग तिकड़म करके सिविल पदों पर आकर बैठ गए हैं।
वे सिस्टम को नहीं समझते। इसलिए मैंने पत्र लिखकर कहा कि यह ठीक नहीं है। जिसके बाद उन्हें हटाया जा रहा है। कुछ को हटाया गया है और कुछ को हटाया जाएगा।
परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत आने के बाद खट्टर सरकार में RTA के पदों पर गैर HCS अफसरों की तैनाती का ताना-बाना तैयार किया गया था। क्योंकि, विजिलेंस ब्यूरो ने RTA के पदों पर लगे कई HCS अफसरों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान परिवहन विभाग की कमान वरिष्ठ IPS अफसर शत्रुजीत कपूर के हाथों में थी।
इसलिए, कपूर ने नया प्रयोग करते हुए RTA के पदों पर HCS के अलावा HPS व अन्य महकमों के क्लास वन अफसरों की तैनाती का प्रस्ताव तैयार किया था। यही नहीं, MVO के पदों पर पुलिस इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर की तैनाती की गई थी।
अनिल विज के परिवहन मंत्री बनने के बाद रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) व अन्य पदों पर तैनात पुलिस अफसरों व कर्मियों को हटाने की कवायद शुरू की है। पहली प्रक्रिया में मोटर व्हीकल अफसर (MVO) के तौर पर तैनात पुलिस इंस्पेक्टरों को वापस किया गया है।विभाग के नए प्रस्ताव में पहले की तरह विभागीय कर्मियों की ही तैनाती की जा रही।
जबकि RTA के पदों पर HCS अफसरों को तैनात करने की सिफारिश की गई है। मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री रहते हुए परिवहन विभाग में RTA के पदों पर गैर HCS RTA लगाए थे। ऐसे में गैर HCS का मामला खत्म करने के लिए फिर से नियमों में बदलाव करना पड़ेगा।
परिवहन मंत्री अनिल विज के चीफ सेक्रेटरी को लिखे लेटर के बाद IAS अफसरों की ट्रांसफर लिस्ट में परिवहन विभाग के प्रधान सचिव IPS अफसर नवदीप सिंह विर्क की छुट्टी कर दी गई थी। नवदीप विर्क को अब खेल विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। परिवहन विभाग में उनके स्थान पर सीनियर IAS अफसर अशोक खेमका को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) लगाया गया।
मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री रहते हुए अनिल विज काफी चर्चा में रहे। BJP सरकार के पहले कार्यकाल 2014 से 2019 के दौरान अनिल विज ने अपने महकमों में CMO के हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई थी। उस दौरान विज की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री को CMO के एक अफसर से स्वास्थ्य महकमा वापस लेना पड़ गया था।सरकार के दूसरे टर्म में विज का उनके साथ विवाद रहा।
खट्टर ने साल 2020 में विज से CID विभाग का चार्ज वापस ले लिया था। इसके बाद साल 2021 में विज से शहरी स्थानीय निकाय विभाग वापस ले लिया गया। इसके अलावा पूर्व DGP मनोज यादव की एक्सटेंशन को लेकर भी दोनों में विवाद हो गया था।
अनिल विज बोले- कुछ लोग सिस्टम नहीं समझते:परिवहन विभाग में पुलिस की एंट्री पर बोले- ट्रेनिंग अलग हुई, तिकड़म करके बने अफसर
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