ये जनसेवा है या बीजेपी में बोली सिस्टम?"
"जनता ने वोट दिया था सेवा के लिए, लेकिन निकला सौदे का सिलसिला — अब कुर्सियाँ बिक रही हैं और उम्मीदें लुट रही हैं!"
1. क्या दक्षिणी ज़ोन का चेयरमैन बनने के लिए 70 लाख की बोली लगाना जनसेवा है?
2. क्या बीजेपी नेतृत्व इस पर कोई कार्रवाई करेगा या सब चुप रहेंगे?
3. क्या कुर्सी की क़ीमत जनता से पांच साल तक वसूली जाएगी?
4. वीरेंद्र सचदेवा और कमलजीत सहरावत क्या इस सौदे पर सफाई देंगे?
अब बोलेगी जनता – क्योंकि सच छुपता नहीं!
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"हम वो दिखाते हैं, जो दूसरों से छुपाया जाता है!"
70 लाख में ख़रीदी गई चेयरमैन की कुर्सी
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