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चंडीगढ़ में 2015 में नियुक्त टीचरों को राहत : कैट ने रद्द किया प्रोबेशन पीरियड बढ़ाने का आदेश, नियमित की जाएंगी सेवाएं

Raman Deep Kharyana :-

टी.जी.टी. और जे.बी.टी. के शिक्षकों प्रोबेशन बढ़ाने का आदेश कैट ने किया रद्द।


चंडीगढ़ में साल 2015 में टी.जी.टी. और जे.बी.टी. के पदों पर नियुक्त शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। चंडीगढ़ कैट ने यू.टी. प्रशासन द्वारा प्रोबेशन पीरियड को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाने संबंधी 12 जुलाई, 2017 के आदेश को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कैट ने प्रशासन को आदेश दिया है कि वह आवेदकों की सेवाएं नियमित करें और विस्तारित प्रोबेशन पीरियड के दौरान रुके हुए लाभों को जारी करें।


यह मामला 26 शिक्षकों द्वारा वकील रोहित सेठ के माध्यम से दायर याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, चंडीगढ़ प्रशासन ने साल 2015 में जे.बी.टी. और टी.जी.टी. की भर्ती की थी। चयन के बाद उन्हें अगस्त 2015 में दो साल के प्रोबेशन पीरियड के तहत नियुक्त किया गया। लेकिन उन्हें सिर्फ तयशुदा मासिक वेतन ही मिला, किसी प्रकार की वेतन वृद्धि या अन्य लाभ नहीं दिए गए।


नहीं आया प्रश्नपत्र लीक जांच में नाम

जुलाई 2016 में परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने की शिकायत पर एफ.आई.आर. दर्ज करने की सिफारिश की गई थी, जिसके बाद यू.टी. प्रशासन ने एस.आई.टी. गठित की। हालांकि एस.आई.टी. की जांच में इन शिक्षकों का कोई सीधा नाम नहीं आया और न ही उन्हें किसी एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुलाया, फिर भी 12 जुलाई 2017 को जारी आदेश के तहत उनकी प्रोबेशन अवधि अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी गई।


शिक्षकों ने तर्क दिया कि यह आदेश पंजाब सिविल सेवा नियम, 1994 का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि प्रोबेशन पीरियड को केवल तभी बढ़ाया जा सकता है, जब कोई अनुशासनात्मक मामला अकुशलता या अयोग्यता सामने आए। जबकि वे लगातार अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा और योग्यता से दे रहे थे।


लंबित मामलों का तर्क नहीं माना


प्रशासन ने बचाव में यह तर्क दिया कि कुछ अभ्यर्थियों की सेवाएं समाप्त की गई थीं और कई के मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। लेकिन कैट ने इसे प्रशासन का अनुचित बचाव मानते हुए साफ कहा कि जब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं होते, तब तक उनकी सेवाएं रोकना या प्रोबेशन बढ़ाना नाजायज है।




फैसले में ट्रिब्यूनल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रशासन इन शिक्षकों की सेवाएं नियमित करे और विस्तारित प्रोबेशन के दौरान रोके गए सभी वित्तीय लाभ जारी करे। ट्रिब्यूनल के अनुसार, प्रशासन का 2017 का आदेश नियमों के विरुद्ध है और इसलिए यह अवैध और निरस्त माना जाता है।

चंडीगढ़ में 2015 में नियुक्त टीचरों को राहत : कैट ने रद्द किया प्रोबेशन पीरियड बढ़ाने का आदेश, नियमित की जाएंगी सेवाएं

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