ठंड का प्रकोप देशभर में जारी है। लगातार दिन और रात का तापमान घट रहा है। लेकिन लगातार घट रहा ये तापमान शरीर के लिए मुश्किलें बढ़ा देता है। खासतौर से उत्तरी भारत के इलाकों में ठंड पड़ती है कि उसे झेलना मुश्किल हो जाता है। बर्फ और ठंडी हवाओं को झेलने के लिए थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ज्यादा ठंड होने के कारण सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। शीतलहर या कोल्डवेव इससे भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है।
कोल्डवेव की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण से Vasoconstriction हो सकता है। इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है और दिल की धड़कन भी तेज हो सकती है। ठंड के कारण खून गाढ़ा हो सकता है।
बहुत ठंडी हवा से सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। ज्यादा ठंडी हवा से सांस लेने के लिए मौजूद एयरवेज सिकुड़ सकती है। जिन्हें पहले से अस्थमा हो या लंग्स से जुड़ा कोई और खतरनाक रोग हो उनके लिए ये मौसम और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। सांस लेने में जोर लगाना पड़ता है, जिसकी वजह से कार्डियोवस्कुलर इवेंट्स भी बढ़ सकते हैं।
ज्यादा ठंड में होने वाली फ्रॉस्ट बाइट भी एक आम समस्या है। इससे स्किन के ज्यादा ठंडा होने से ब्लड फ्लो पर प्रभाव पड़ता है। हथेली और पंजों का ज्यादा ठंडा होना भी सामान्य है। लेकिन ज्यादा ठंडा होने से फ्रॉस्ट बाइट का खतरा होता है।
शरीर के लिए घातक हो सकती है कोल्डवेव, जानिए क्या-क्या हो सकते हैं नुकसान?
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