news-details
अन्य

हरियाणा साइंटिस्ट डेथ केस: CBI जांच की मांग:कुलपति पर लगा उत्पीड़न का आरोप, यूनिवर्सिटी संघ ने कहा- CM से करेंगे मुलाकात

Karni KHaryana :-

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) की वैज्ञानिक डॉ. दिव्या फोगाट की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। गोल्ड मेडलिस्ट वैज्ञानिक बहन की मौत से आहत भाई विशाल फोगाट ने राज्यपाल व अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायत भेजी है। विशाल ने कुलपति डॉ. बीआर कंबोज पर बहन को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है।

डॉ. दिव्या के मामले में कई संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं और जांच की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर कई संगठन पहले ही विरोध कर चुके हैं और दीपेंद्र हुड्डा से लेकर सांसद जयप्रकाश तक वैज्ञानिक की मौत पर सवाल उठा चुके हैं। अब 15 दिसंबर को दिव्या के भाई विशाल फोगाट ने ईमेल के जरिए बहन को परेशान करने की शिकायत की है।

उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग तक की है। विशाल फोगाट ने शिकायत में कहा कि उनकी बहन बहुत होनहार थी और उसने कई किस्में निकाली थीं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने उन्हें प्रोजेक्ट के लिए मैक्सिको और बांग्लादेश भी नहीं जाने दिया।

साथ ही उनके विभागाध्यक्ष ने बिना किसी कारण के उन्हें नोटिस थमा दिया। डॉ. दिव्या ने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब परिजनों ने शिकायत कर मामला उठाया है।

news-details

वहीं चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) कार्यकारिणी की बैठक हौटा प्रधान डॉ. अशोक गोदारा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में डा. दिव्या फौगाट के विषय पर विश्वविद्यालय के प्रताड़ित करने के आरोपों को हौटा ने खारिज किया।

बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस विषय पर मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी से भी मुलाकात की जाएगी और इस बारे में अवगत करवाया जाएगा। हौटा पदाधिकारियों ने कहा कि आजकल इंटरनेट मीडिया व कुछ सामाजिक संगठनों व राजनैतिक व्यक्तियों की तरफ से विश्वविद्यालय पर तथ्यहीन आरोप लगाए जा रहे हैं।

डॉ. दिव्या फोगाट की नियुक्ति इसी सरकार में बिना खर्ची व पर्ची के हुई। उन्हें विश्वविद्यालय ने लड़कियों के हॉस्टल के वार्डन की जिम्मेदारी भी दे रखी थी, जिससे पता चलता है कि प्रशासन को उन पर कितना भरोसा था। हौटा ने डॉ. दिव्या के निधन पर दुख प्रकट किया। वह लंबे समय से गंभीर बीमारी से ग्रस्त थी।

हौटा प्रधान डॉ. अशोक ने कहा कि उसे मैक्सिको न भेजने की बात फैलाई जा रही है जबकि उस क्षेत्र में डॉ. ओपी बिश्नोई पिछले 30 वर्षों से कार्य कर रहे थे। इस विषय में इतने अनुभव का और कोई वैज्ञानिक नहीं था जबकि डॉ. दिव्या को जॉइन करे 4 साल भी नहीं हुए थे।

विश्वविद्यालय के पास यह जानकारी होती है कि कौन वैज्ञानिक किस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। डॉ. ओपी बिश्नोई ने गेहूं की दर्जनों किस्मों को इजाद करने में अपना योगदान दिया है जिसमें मुख्य रूप से डब्ल्यूएच 1270 गेहूं की किस्म जिसका उत्पादन क्षमता व मांग पूरे भारत में सबसे ज्यादा है।

वहीं डॉ. दिव्या का किसी भी किस्म में मुख्य प्रजनक में नाम नहीं आता है। हौटा पदाधिकारियों ने बांग्लादेश जाने की बात पर कहा कि गेहूं में रोग संबंधित प्रशिक्षण था तो विश्वविद्यालय का नियम यह कहता है कि उसमें गेहूं के रोग पर कार्य करने वाला वैज्ञानिक ही जाए। डॉ. दिव्या गेहूं में प्रजनन पर विशेषज्ञ थी न कि गेहूं रोग की।

हरियाणा साइंटिस्ट डेथ केस: CBI जांच की मांग:कुलपति पर लगा उत्पीड़न का आरोप, यूनिवर्सिटी संघ ने कहा- CM से करेंगे मुलाकात

You can share this post!

author

Kharyana

By Admin

For advertisment kindly write us marketing@kharyana.com
Or call us +91-9992-788-081, +91-8053-307-000

0 Comments

Leave Comments