कुरुक्षेत्र, 8 अप्रैल – हरियाणा में प्रस्तावित "बीज अधिनियम 2025" को लेकर किसानों और व्यापारियों के बीच जहां मतभेद देखने को मिल रहे हैं, वहीं भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने इस विधेयक का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बीज अधिनियम की माँग वे काफी समय से कर रहे थे और सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है।
गुरनाम चढूनी ने कहा, "जो भी बीज विक्रेता या उत्पादक नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे सजा मिलनी चाहिए। किसान के हित में पारदर्शी और नियंत्रित बीज व्यापार होना जरूरी है।"
बीकेयू (चढूनी) गुट ने बीज विक्रेताओं व उत्पादकों की ओर से की जा रही हड़ताल को "अनैतिक" करार दिया है। संगठन का मानना है कि अगर कोई विक्रेता या कंपनी किसानों को घटिया बीज बेचती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, और नया अधिनियम इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
क्या है बीज अधिनियम 2025?
बीज अधिनियम 2025 हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तावित एक नया कानून है, जिसके तहत बीज विक्रेताओं, उत्पादकों और आपूर्तिकर्ताओं को लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा और घटिया या नकली बीज बेचने पर कठोर दंड का प्रावधान होगा।
विरोध बनाम समर्थन
जहां एक ओर कुछ बीज उत्पादक और विक्रेता नए नियमों को व्यवसाय विरोधी बताते हुए हड़ताल पर हैं, वहीं किसान संगठनों का एक वर्ग इस अधिनियम को किसान हितैषी बता रहा है। चढूनी के समर्थन के बाद इस कानून पर राजनीतिक और सामाजिक बहस और तेज़ हो सकती है।
बीज अधिनियम 2025 को मिला किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का समर्थन, हड़ताल को बताया अनैतिक"
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