अगले महीने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के सुधार का काम शुरू होगा जिसे सीपी अरोड़ा इंजीनियर्स को सौंपा गया है।
मानसून के बाद सड़क की मरम्मत और अगस्त में रेलिंग का काम शुरू होगा। एक्सप्रेसवे की हालत खराब है जिसे दो साल में सुधारने का लक्ष्य है। जलभराव से बचने के लिए सर्विस लेन को ऊंचा किया जाएगा।
एनएचएआई नियमित रूप से निरीक्षण करेगा और लोगों से फीडबैक लेगा।
सर्विस लेन को किया जाएगा ऊंचा
मानसून के दौरान ही नहीं बल्कि बाकी महीनों के दौरान भी कई बार नरसिंहपुर के आसपास दोनों तरफ नालों के ओवरफ्लो होने से सर्विस लेन पर पानी जमा हो जाता है। इसे देखते हुए दोनों तरफ सर्विस लेन को कुछ ऊंचा किया जाएगा। साथ ही दोनों तरफ आरएमसी (रेडी-मिक्स कंक्रीट) की सड़क बनाई जाएगी। इससे जलभराव के दौरान भी सड़क नहीं टूटेगी। ऊंचाई कितनी बढ़ाई जाएगी, यह निर्णय होना अभी बाकी है।
एनएचएआइ का कहना है कि इस तरह से काम किया जाएगा कि अगले कुछ वर्षों तक दिक्कत न आए। काम बेहतर हो इसके लिए एनएचएआइ के अधिकारी एक से दो दिन के अंतराल पर राउंड मारेंगे। यही नहीं एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले लोगों से यह फीडबैक भी लिया जाएगा कि काम सही से हो रहा है या नहीं। रेलिंग इस तरह दुरुस्त किया जाएगा ताकि कहीं से भी कोई एक्सप्रेसवे पर न चढ़ सके। एग्जिट एवं एंट्री को इस तरह डिजाइन कर दिया जाएगा कि जिससे कोई रांग साइड आकर एक्सप्रेसवे पर न चढ़ सके। फिलहाल अधिकतर एग्जिट एवं एंट्री इस तरह है कि कहीं से भी एक्सप्रेसवे पर चढ़ा जा सकता है और कहीं से भी बाहर निकला जा सकता है।
अगस्त से शुरू हो जाएगा दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के कायाकल्प का काम, दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य
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