लखनऊः अपने जमाने के कद्दावर नेता रहे हरिशंकर तिवारी के बेटे व पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ईडी ने विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के जीएम को गिरफ्तार कर लिया. यह कार्रवई ईडी ने राजधानी लखनऊ में की. ईडी ने विनय शंकर तिवारी और उनकी कंपनी के जीएम अजीत पांडे को बैंक से धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया. विनय शंकर तिवारी विधायक रहे हैं और उत्तर प्रदेश के अपने जमाने के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे हैं.
सोमवार को सपा नेता एवं पूर्व विधायक के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी हुई. अलग-अलग बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने मामले में ईडी लखनऊ, नोएडा, मुम्बई, गोरखपुर, महराजगंज समेत 11 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की. महराजगंज में सोमवार को सुबह दो गाड़ियों से आए ईडी के अधिकारियों ने कोल्हुई थाना क्षेत्र के एक गांव में छापेमारी की. इसी तरह गोरखपुर में भी छापेमारी की कार्रवाई हुई.
अलग-अलग बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले सोमवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय ने विनय शंकर तिवारी के घर तिवारी अहाता में छापा मारा. सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के लखनऊ, गोरखपुर, नोएडा, मुम्बई और दिल्ली समेत 11 ठिकानों पर छापा मारा था. की.
18 मार्च 2024 को प्रवर्तन निदेशालय ने विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज की 30.86 करोड़ रुपये की 12 प्रॉपर्टीज अटैच की थीं . प्रवर्तन निदेशालय ने अलग-अलग बैंकों के 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में यह कार्रवाई की. इसमें गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा की संपत्तियों को जब्त किया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मुख्य आरोपी रीता तिवारी व अजीत पांडेय के साथ ही गंगोत्री इंटरप्राइजेज के प्रमोटर्स, डायरेक्टर्स, गारंटर्स, रॉयल एम्पायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड और कंदर्प कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम दर्ज संपत्तियों को जब्त किया था.
रीता तिवारी पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की पत्नी हैं. मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय की टीम के मुताबिक, गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशकों, प्रमोटर, गारंटर ने मिलीभगत कर बैंकों के दिए 754 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट को धोखाधड़ी करके हड़प लिया था. इनमें विनय शंकर तिवारी, पत्नी रीता तिवारी, अजीत कुमार पांडेय की मुख्य भूमिका थी.
इसके बाद उनकी तीन शहरों लखनऊ, गोरखपुर और नोएडा की कमर्शियल, आवासीय और कृषि भूमि को जब्त किया गया. बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था. इसके आधार पर ईडी ने भी सीबीआई की एफआईआर में नामजद आरोपियों के खिलाफ मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.
बैंक धोखाधड़ी मामले में विनय शंकर तिवारी गिरफ्तार, 11 ठिकानों पर ईडी ने मारा था छापा
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