राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आने वाली विजयदशमी को अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। संघ ने अपनी इस यात्रा में देश सेवा के संस्कार लाखों-करोड़ों स्वयंसेवकों को दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है अमरीश पुरी का। अपनी कड़कती आवाज से पर्दे पर खलनायक की भूमिका निभाने वाले अमरीश पुरी को उनके दोस्त और जानने वाले बेहद सरल और अनुशासित इंसान बताते हैं।
अमरीश पुरी का यह अनुशासन और सरलता संघ के संस्कारों से गढ़ी हुई थी। आज कई लोग आपको संघ को धार्मिक कट्टरवाद से जोड़ते हुए दिख जाएँगे लेकिन अमरीश पुरी जैसे लोगों के लिए यह देशभक्ति की भावना का प्रतीक था। 22 जून 1932 को जन्मे अमरीश पुरी का बचपन पंजाब के नवांशहर की गलियों में बीता था। जब वह 14 वर्ष के हुए तो देश आजादी के दौर की ओर बढ़ रहा था। उसी दौरान अमरीश पुरी ने संघ की शाखा में राष्ट्र भक्ति का ककहरा सीखना शुरू किया था।
अमरीश पुरी ने अपनी आत्मकथा ‘जीवन का रंगमंच’ में संघ से जुड़े अपने अनुभव साझा किया है। पुरी लिखते हैं, “मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य भी बना था और मेरे आदर्श
संघ की शाखा के मुख्यशिक्षक से लेकर शीर्ष ख्यातिलबध अभिनेता तक का सफर रहा अमरीश पुरी का....
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