नीट परीक्षा 2025 में एमडीयू आईएचटीएम विभाग के परीक्षा केंद्र में हुई बड़ी धांधली- प्रदीप देशवाल
कुलपति राजबीर सिंह के नजदीकियों की परीक्षा में ड्यूटी लगाने के लिए सभी नियमों की धज्जियाँ उड़ाई, परीक्षा केंद्र में कई संदिग्ध व्यक्ति मोबाइल सहित पहुंचे
रोहतक: 29 सितम्बर: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति राजबीर सिंह से जुड़े एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। कुलपति निवास पर गमला फैक्टरी चलाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और बड़ा खुलासा छात्र नेता प्रदीप देशवाल व शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विकास सिवाच ने संयुक्त प्रेस वार्ता करके किया है।प्रेस वार्ता रुकवाने के लिए थाना प्रभारी व पुलिस कर्मचारी भी पहुंचे लेकिन प्रेस वार्ता नहीं रोकी गई।
प्रदीप देशवाल ने प्रमाणों के साथ आरोप लगाया कि एमडीयू के आईएचटीएम विभाग में हुई नीट 2025 परीक्षा में कुलपति राजबीर सिंह की मिलीभगत से बड़े सत्तर पर धांधली हुई है। प्रदीप देशवाल ने नीट की परीक्षा के दौरान की कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं जिनमें एक संदिग्ध व्यक्ति मोबाइल लेकर परीक्षा केंद्र में घूमता नजर आ रहा है। इससे इस परीक्षा केंद्र पर हुई परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। नीट परीक्षा में जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता वहां मोबाइल फोन सहित कोई व्यक्ति कैसे पहुँच सकता है। प्रदीप देशवाल ने दावा किया है की कुलपति के निर्देश पर बाहरी लोगों की परीक्षा में ड्यूटी लगाई गई और परीक्षा में धांधली हुई है। परीक्षा में ऐसे लोगों की ड्यूटी लगाई गई जो न तो एमडीयू में शिक्षक हैं और न ही एमडीयू के स्थाई कर्मचारी यहाँ तक की एमडीयू से बाहर भी किसी सरकारी नौकरी पर नहीं हैं। यह सब एक साजिश के तहत परीक्षा में धांधली करने के उद्देश्य से किया गया।
प्रदीप देशवाल ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों की पत्नियों ने भी परीक्षा में ड्यूटी दी है जो एमडीयू में कहीं कर्मचारी नहीं हैं।एक ऐसे व्यक्ति को ड्यूटी लगाकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश कराया गया जो कुलपति राजबीर सिंह का दोस्त है और कुलपति से दोस्ती का फायदा उठाकर परीक्षा में मोबाइल फोन तक लेकर गया। उसकी ना कोई तलाशी ली गई और न ही उसकी ड्यूटी की जांच कराई गई।
छात्र व शिक्षक संघ की तरफ से मांग की गई है की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) इस पूरे मामले की जांच करे और दोषियों पर कार्रवाई करे। अगर एनटीए व सरकार की तरफ से तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। इस मामले की तह तक जाकर कुलपति व उसके चहेतों पर कार्यवाही जरूर होनी चाहिए।
प्रदीप देशवाल ने सीडी भी दिखाई और दावा किया की इसमें कुलपति के सारे कुकृत्य हैं जिनको छात्र शिक्षक व कर्मचारियों की महापंचायत करके सार्वजनिक किया जाएगा। उसके लिए कुलसचिव से हॉल में महापंचायत की अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
एमडीयू के सभी कार्यकर्मों में कुलपति की पत्नी को मुख्य अतिथि बनाकर महंगे महंगे उपहार दिए जाने की भी निंदा की गई।एमडीयू में कुलपति ने पद की गरिमा का उल्लंघन किया है।
प्रदीप देशवाल ने बताया की कुलपति को उनकी पत्नी व कुछ बाहर के लोग चला रहे हैं जो विश्वविद्यालय के मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं।कुलपति की पत्नी के विभाग से जुड़ी एक फाइल को भी सार्वजनिक करने की बात कही गई जिसमे धांधली के काफी प्रमाण हैं।
प्रदीप देशवाल ने बताया की कुलपति राजबीर सिंह के फर्जी दस्तावेजों की जाँच के लिए डीजीपी मुख्यालय से पीजीआई थाने में शिकायत आई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही। पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। तुरंत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई होनी चाहिए। इस मामले में भी रोहतक पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि डीजीपी कार्यालय से आई शिकायत को भी गंभीरता से नहीं लेने वाला पुलिस अधिकारी कौन है। शिक्षक, गैर शिक्षक व छात्र संगठन सरकार से मांग करते है की कुलपति पर तुरंत कार्यवाही हो ताकि विश्वविद्यालय की बर्बादी को रोका जा सके, अन्यथा आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा।
छात्र नेता प्रदीप देशवाल व एमडीयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ विकाश सिवाच की संयुक्त प्रेस वार्ता में बड़ा खुलासा
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