पंजाब-हरियाणा में चल रहे विवाद के बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने फैसला लिया है कि हरियाणा को भाखड़ा डैम से तुरंत प्रभाव से 8500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा।
पांच घंटे तक चली मीटिंग में यह फैसला हुआ।
हांलांकि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने इसका सख्त विरोध किया।
केंद्रीय बिजली मंत्रालय के आदेश पर मीटिंग हुई थी।
यह मीटिंग बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई।
वहीं, इस फैसले से पंजाब में राजनीति गर्मा सकती है।
पंजाब ने फैसले को मानने से इनकार कर दिया है।
बीबीएमबी बोर्ड ने तर्क दिया कि स्पेशल केस के आधार पर हरियाणा को पानी देने के लिए रेगुलेशन मैनुअल अनुसार चलने की कोई जरूरत नहीं है।
पंजाब सरकार ने इस पर सहमति देने से इनकार कर दिया।
यह भी बात सामने आई कि रेगुलेशन मैनुअल संशोधन के लिए तीन मेंबरी तकनीकी कमेटी बना ली जाए।
पंजाब सरकार ने इसे सहमति देने से इनकार कर दिया।
पंजाब सरकार ने कहा कि अगर मानवता के आधार पर हरियाणा को पानी देने की जरूरत है, तो आबादी के हिसाब से हरियाणा को 1700 क्यूसेक पानी देने की जरूरतहै।
भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड का आदेश-हरियाणा को तुरंत प्रभाव से 8500 क्यूसेक पानी दे पंजाब।
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