बीमा क्लेम न देकर मूल प्रीमियम लौटाना किसानों से छलावा: दिग्विजय सिंह चौटाला
Karni KHaryana :- पीडि़त किसानों की आवाज बनेगी जेजेपी, न्याय दिलाने को किया जाएगा संघर्ष
सिरसा। जननायक जनता पार्टी के प्रदेश के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला के हलका डबवाली के जनसंपर्क अभियान के दौरान विभिन्न गांवों के सैकड़ों किसानों ने उनसे मिलकर अपनी समस्याएं रखी। गांव रामगढ़, रिसालियाखेड़ा, कालूआना आदि अनेक गांवों के किसानों ने जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला को बताया कि उनकी खरीफ 2023 की फसल के लिए बैंकों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत निर्धारित प्रीमियम राशि काट ली गई थी लेकिन गुलाबी सुंडी की वजह से खराब हुई नरमा कपास की फसल के बीमा क्लेम देने की बजाए बैंकों द्वारा किसानों के साथ भद्दा मजाक करते हुए उन्हें प्रीमियम की मूल राशि ही उन्हें बगैर किसी ब्याज के लौटा दी गई जो उनसे छलावा है। पीडि़त किसानों ने जेजेपी नेता को बताया कि अधिकांशत: भारतीय स्टेट बैंक एवं एक्सिस
बैंकों द्वारा इतना ही छल नहीं किया गया बल्कि वर्ष 2024 की खरीफ फसल के लिए भी उनका बीमा प्रीमियम काटना शुरू कर दिया है जबकि उनका पिछले वर्ष का बीमा क्लेम ही जारी नहीं किया गया। किसानों की पीड़ा पर उनसे सहानुभूति प्रकट करते हुए जेजेपी नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने इसे
सरकारी बैंकों का क्रूर चेहरा बताया। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि जेजेपी सदैव किसानों के
संघर्ष के साथ रही है और भविष्य में भी रहेगी। उन्होंने बैंकों के इस कृत्य को किसानों से भद्दा मजाक बताते हुए कहा कि किसानों की भलाई का दम भरने वाली सरकार में किसान किस तरह से परेशान
हैं, यह एक जीता जागता उदाहरण है। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि जेजेपी जिलाभर के हजारों पीडि़त किसानों की आवाज बनेगी और उन्हें न्याय दिलवाने के लिए उनके हकों की लड़ाई लड़ेगी।
उन्होंने कहा कि वे जल्द ही उपायुक्त को मामले की गंभीरता से अवगत करवा कर इसकी जांच की मांग करेंगे और किसानों को बीमा क्लेम दिलवाने के लिए हर प्रकार का संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार स्वयं को किसान हितैषी होने का दंभ भरती है मगर जब किसानों को वास्तविक संकट के समय सरकार के समर्थन की आवश्यकता होती है तब सरकार अपने हाथ पीछे खींच लेती है और किसानों को हर बार सरकारी छलावे का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि सरकार हर बार किसानों की बजाए बैंकों व बीमा कंपनियों का ही समर्थन करती है।
बीमा क्लेम न देकर मूल प्रीमियम लौटाना किसानों से छलावा: दिग्विजय सिंह चौटाला
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