उदयपुर
उदयपुर में वल्लभनगर के रूपावली गांव में स्थित सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय की दीवार रविवार सुबह गिर गई। रविवार की छुट्टी होने से स्कूल में कोई बच्चा नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक के 90 बच्चे पढ़ते हैं।
गांव वालों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्कूल की टूटी-फूटी हालत की शिकायत स्कूल स्टाफ और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से की थी। इसको लेकर धरना-प्रदर्शन भी किया, लेकिन शिक्षा विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया। रविवार सुबह जब स्कूल की छत गिरी, तो एक गांव वाले ने इसे देखा और तुरंत स्कूल के हेडमास्टर फतहसिंह को खबर की।
यह घटना झालावाड़ के पिपलोदी गांव की दर्दनाक घटना के बाद हुई है, जहां कुछ दिन पहले सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की जान चली गई थी।
जानकारी अनुसार जिस बरामदे की छत और दीवार ढही है उसी छत के नीचे रोज क्लास लगती थी। रोज बच्चे पढ़ाई करते थे। छत कई सालों से जर्जर अवस्था में थी।
जानकारी अनुसार जिस बरामदे की छत और दीवार ढही है उसी छत के नीचे रोज क्लास लगती थी। रोज बच्चे पढ़ाई करते थे। छत कई सालों से जर्जर अवस्था में थी।
जिस बरामदे की छत ढही, रोज उसी में पढ़ते थे बच्चे
जानकारी अनुसार जिस बरामदे की छत और दीवार ढही है उसी छत के नीचे रोज क्लास लगती थी। रोज बच्चे पढ़ाई करते थे। छत कई सालों से जर्जर अवस्था में थी। बारिश के दिनों में छत से पानी क्लास में आता था। बीती रात फिर से उदयपुर में बारिश शुरू हुई और सुबह बरामदे की छत गिर गई। अगर आज अवकाश नहीं होता था तो बच्चों की जान खतरे में जा सकती थी।
पूर्व में विभाग को दे दी थी जानकारी
स्कूल हैड मास्टर फतह सिंह झाला का कहना है कि स्कूल के जर्जर भवन की हालत के बारे में पूर्व में विभाग को अवगत करा दिया था। इसके रिपेयर करने के लिए पैसा पास भी हो चुका है। शायद बारिश बाद इसकी मरम्मत की जाएगी। वर्ष 1984 में ये भवन बना। जिसमें आरसीसी छत नहीं है। पट्टी की छत है।
उदयपुर में सरकारी स्कूल की दीवार ढही:छुट्टी होने के कारण बड़ा हादसा टला; कई बार की गई थी जर्जर भवन की शिकायत
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