हरियाणा में गेहूं की जली फसल का मुआवजे के भुगतान से इंकार कर 'किसान विरोधी भाजपा' के 'डबल ईंजन' का एक और धोखा सामने आया है।
प्रदेश में अब तक 15 जिलों में पाँच हज़ार के क़रीब एकड़ गेहूं की फसल बिजली शॉर्ट सर्किट से लगी आग में खाक हो गई है...
मगर भाजपा सरकार ने ऐसे फसल जल जाने को फसल बीमा कवर से बाहर बताकर, इस मुसीबत में किसानों को मुआवजे देने से मुंह फेर लिया है।
हरियाणा के किसानों से हवा हवाई वादे करने वाले मुख्यमंत्री श्री नायब सैनी ने प्रदेश में शॉर्ट सर्किट से जली फसल के नुकसान की रिपोर्ट लेकर मुआवजा देने की बात कही थी, मगर अब सरकार मुआवजा ना देने का बहाना ढूंढ रही है।
भाजपा की नियत ही नहीं है किसानों को मुआवजा देने की, वरना PM फसल बीमा योजना में नहीं तो NDRMF या SDRMF के माध्यम से भी किसानों को इस आपदा में मुआवजे की राहत दी जाती।
आग की चपेट में किसानों के खेत-खलिहान से लेकर घर-मकान और मवेशी तक जल गए हैं, मगर मदद देने की बजाय क्या भाजपा ऐसे ही किसान परिवारों को योजनाओं के फंदे में फांसे रखेगी?
हर दिन किसानों से अन्याय व अत्याचार की नई नई तरकीबें और बहाने बुनने की बजाय भाजपा को ये छलावे का रास्ता छोड़कर, मुसीबत की इस घड़ी में किसानों को तत्काल राहत सुनिश्चित करना चाहिए।
हरियाणा में गेहूं की जली फसल का मुआवजे के भुगतान से इंकार, 'डबल ईंजन' का एक और धोखा सामने आया है।
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