कई मलबे में दबकर मर गए. कुछ पुलिस की गोलियों से मारे गए. हज़ारों लोगों पर FIR और मुकदमा चलाया गया.
BJP के टॉप लीडरशिप ने हाथ खड़ा कर लिया. लिब्रहान आयोग के सामने लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, मैं तो वहां मौजूद ही नही था.
इस आंदोलन में लाखों युवाओं ने पढ़ाई लिखाई छोड़कर, अपना काम धंदा छोड़कर हिस्सा लिया था. सबका उज्जवल भविष्य खराब हुआ.
इतने बड़े आंदोलन में BJP के किसी भी नेता के बच्चों ने हिस्सा नही लिया था. आज वो सभी स्थापित बिजनेसमैन हैं या किसी प्रोफेशन से जुड़े हैं.
1992 में 1,50,000 लोगों की भीड़ ने एक धार्मिक स्थल को ध्वस्त कर दिया.
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