ऐलनाबाद ( एलडी स्वामी ) शहर की समस्याओं का लगा अंबार लेकिन ऐलनाबाद के विधायक साल भर में जन समस्या सुनते नज़र नहीं आ रहे ऐसा लग रहा है हर हाल में साथ निभाने का वायदा सिर्फ चुनाव तक सिमित था लोंगो ने जिस विश्वास से जनमत देकर कांग्रेस का विधायक चुना लोग अपने आप को अब ठगा सा महसूस कर रहे है ।
विधानसभा चुनाव को साल भर से अधिक समय हो गया है लेकिन यहाँ से चुने गए विधायक भरत सिंह बेनीवाल को जन समस्या सुनते हल करवाते नहीं देखा गया है, जनप्रतिनिधि के नाते अपने कार्यकर्त्ता या पार्टी की बैठेके तो हुई लेकिन आम मतदाता का क्या उनकी समस्याओं का क्या जिन्होंने कांग्रेस पर भरोसा किया ऐलनाबाद विधानसभा दो क्षेत्रों में बंटी हुई है अगर ऐलनाबाद शहर और आसपास के गाँवो की बात करें तो यहाँ के लोंगो की बिजली पानी सड़कों, व सरकारी कार्यालयों के कामों में आने वाली रोजाना की दिक्क़तो पर मुखर होकर आवाज़ उठाते हुए विधायक को नहीं देखा इस तरह आम जनमानस में साल भर की गैरमौजूदगी लोंगो को अब खलने लगी है।
चुनाव जीतने के बाद लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरने का वादा करने वाले स्थानीय विधायक एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अपने वादों पर अमल करते नहीं दिख रहे हैं। शहर की गलियों से लेकर दफ्तरों तक, हर ओर अव्यवस्था का आलम है।
लोगों का कहना है कि शहर की छोटी-बड़ी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। व्यवस्थाएं सही न होने से हर बरसात में गलियां तालाब बन जाती हैं। इस बार की बरसात में तो कई गांवों के घर भी ढह गए, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कोई सुध नहीं ली। सड़कें जगह-जगह टूटी हुई हैं, मुख्य मार्गों पर जाम आम बात हो गई है। शहर के सरकारी दफ्तरों में जनता के काम महीनों तक लटके रहते हैं। लोग शिकायत लेकर दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन समाधान की उम्मीद दिन-प्रतिदिन धूमिल होती जा रही है। विधायक द्वारा चुनाव के दौरान की गई घोषणाएं अब सिर्फ भाषणों और पोस्टरों तक सिमटकर रह गई हैं। शहर की प्रमुख मांगें—बरसाती जल निकासी व्यवस्था, खेल स्टेडियम, सडको की मरम्मत, और पेयजल की दिक्कतें—जैसी बहुत सी समस्याए आज भी अधूरी हैं। जनता का कहना है कि “जिस उम्मीद के साथ हमने वोट देकर विधायक को जिताया था, वह उम्मीद अब टूट चुकी है। क्षेत्र में ऐसा कोई ठोस काम नहीं दिख रहा जिससे लगे कि विधायक ने जनता के हित में कुछ किया हो।”
अब सवाल यह है कि क्या विधायक जनभावनाओं को समझते हुए सक्रिय होंगे या फिर शहर की समस्याएं इसी तरह धूल फांकती रहेंगी?
साल बिता पर नहीं कटा विकास का फीता, जनसमस्याओं से भी मुँह मोड़े है जनप्रतिनिधि
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