हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा मंगलवार (31 दिसंबर) को सिरसा के चौटाला गांव में हुई। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय, CM नायब सैनी, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल, पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी पहुंचे। उन्होंने चौटाला के हरियाणा की राजनीति में दिए योगदान को याद किया।
सभा में ओपी चौटाला के जीवन पर 5 मिनट की डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। जिसके अंत में ओपी चौटाला का अभय चौटाला को इनेलो का उत्तराधिकारी घोषित करने का पुराना वीडियो भी दिखाया गया।
इस सभा में किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरे परिवार को एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार का ही नारा है कि 'बंटोगे तो कटोगे', इसलिए परिवार को इकट्ठा होना चाहिए।
सभा में CM नायब सैनी ने कहा- ''ओपी चौटाला का पूरा जीवन खुली किताब रहा है। उन्होंने हरियाणा के लिए संघर्ष किया, विकास को नई दिशा देने का काम किया। उन्होंने गौरवशाली जीवन व्यतीत किया और हमें दिशा देकर गए। ऐसी दिवंगत आत्मा, जिनसे हमें भी सीखने को मिलता है। उन्होंने समाज हित में अपना पूरा योगदान दिया। वे हमें रास्ता देकर गए हैं, हम सब उस पर मिलकर चलेंगे।''
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा- ''ओमप्रकाश चौटाला बहुत ही महान व्यक्ति थे। वह 5 बार मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने हरियाणा के पानी के लिए जो संघर्ष किया है, वह इतिहास में लिखा हुआ है। मैं जब 1998 में मंत्री था तो ओपी चौटाला मुख्यमंत्री थे। NCR की मीटिंग में भी चौटाला आए थे। उन्होंने जोरदार ढंग से हरियाणा के हित की बातें रखी थीं।''
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा- ''उनके जाने से राजनीतिक क्षेत्र में एक युग का अंत हुआ है। उनके साथ कई बार काम करने का अवसर मिला, वह जिंदा दिल इंसान थे। लोगों की आवाज को उठाने का जुनून उनकी रगों में बसा हुआ था। चाहे वह मजदूर की बात हो, मध्यम वर्ग की हो या किसानों की बात हो, ओपी चौटाला हमेशा सबकी आवाज बने। उन्होंने हरियाणा को विकसित राज्य बनाने में अहम भूमिका निभाई।''
सभा के अंत में शोक संदेश पढ़ते हुए अभय चौटाला ने कहा, 'आज हम सभी हमारे महान नेता, संघर्षशील, मेहनती और गरीब-मजदूर की आवाज चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने आए हैं। यहां देश के विभिन्न राज्यों से हमारे परिवार के शुभ चिंतक, दोस्त और रिश्तेदार पहुंचे हैं।
दुनिया का सबसे बड़ा दुख तब होता है, जब सिर से पिता का हाथ उठ जाता है। वो ताकतवर हाथ था। उन्होंने मुझे अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। सही-गलत चीजों का अंतर बताया। राजनीतिक गलियारों में सीना तानकर खड़ा होना सिखाया। उनके जाने का दुख मुझे हो रहा है, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इसकी भरपाई नहीं हो पाएगी।'
अभय ने आगे कहा कि आम आदमी के हितों के लिए उनकी चिंता, पार्टी के लिए उनका समर्पण, देश और प्रदेश की प्रगति के लिए उनका नजरिया किसी से छिपा नहीं है। आखिरी क्षण तक वह लोगों की चिंता करते थे। इस उम्र में भी वह इसी चिंता में लगे रहे। इस उम्र में आदमी अपनी सेहत की चिंता करता है, लेकिन चौटाला साहब गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहे थे। जब भी उनकी सेहत ठीक होती थी तो वह कार्यकर्ताओं के घर पहुंच जाते थे।
उनकी याददाश्त बहुत अच्छी थी। उन्हें कार्यकर्ताओं के नाम और हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर याद थे। वह हिंदू, पंजाबी, उर्दू के वक्ता थे। उनका फैसला निशान बना करते थे। वह अक्सर कहा करते थे कि एक कमेरा वर्ग है और एक लुटेरा वर्ग है। कमेरा वर्ग के लिए कोई लापरवाही करे तो वो बर्दाश्त नहीं होगा।
शिक्षा उनके पास बहुत कम थी। उनका मानना था कि सत्ता सुख भोगने का नहीं, सेवा का कार्य है। जब भी खाली समय मिलता था, वह कुछ न कुछ पढ़ते रहते थे। उनकी कार्यशैली ने हरियाणा में विकास की गाथा लिखी। उन्होंने कभी घाटे का बजट प्रस्तुत नहीं किया। उनके रहते हुए हरियाणा की अर्थव्यवस्था शिखर पर थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी उनकी कार्यशैली की तारीफ की थी।'
ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी, अभय को उत्तराधिकारी बताया:CM सैनी बोले-उनके रास्ते पर चलेंगे, नड्डा ने जिंदादिल इंसान बताया, टिकैत बोले-परिवार एक हो
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