बर्बाद फसल के मुआवजे के लिए किसानों ने प्रदर्शन किए लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी: अर्जुन चौटाला
यमुनानगर में प्रधानमंत्री की एक रैली के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई थी उनको 50000 रूपए का मुआवजा दिया गया था, तो क्या बाढग़्रस्त इलाके के किसानों की फसल बर्बाद हुई है उनको भी सरकार कम से कम 50000 रूपए मुआवजा देगी?
चंडीगढ़। जलभराव के कारण किसानों की बर्बाद हुई फसलों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए रानियां से इनेलो के विधायक अर्जुन चौटाला ने कहा कि प्रदेश में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण रोहतक, हिसार और भिवानी समेत कई जिलों में जलभराव के कारण किसानों की हजारों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई। कई जगह पशुओं को चारे का भी अभाव हो गया।
पानी की निकासी के लिए सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। किसानों ने इसके लिए कई जगह प्रदर्शन भी किए लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। इस किसान विरोधी रवैये से किसानों में भारी रोष है।
उन्होंने बताया कि यमुनानगर में लगभग 500 एकड़, झज्जर में लगभग 12000 एकड़, कुरुक्षेत्र में लगभग 800 एकड़, फतेहाबाद में लगभग 1800 एकड़, हिसार में लगभग 7000 एकड़, भिवानी में लगभग 12000 एकड़, रोहतक में लगभग 19000 एकड़ और सिरसा मे लगभग 2000 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है। अभी तक सरकार की तरफ से इन जिलों के किसानों के लिए कोई ऐसा प्रावधान नहीं किया गया है जिससे किसानों को मुआवजा मिल सके।
सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि उनका सवाल है कि किसानों को मुआवजा कब तक दिया जाएगा?
दूसरा सवाल है कि प्रधानमंत्री की एक रैली यमुनानगर में हुई थी उसके लिए जिन किसानों की जमीन ली गई थी उनकी गेंहू की फसल काटी गई थी और किसानों को 50000 रूपए का मुआवजा दिया गया था।
तो क्या हरियाणा के अंदर जो बाढग़्रस्त इलाके हैं जहां किसानों की फसल बर्बाद हुई है उनको भी सरकार कम से कम 50000 रूपए मुआवजा देगी?
जलभराव के कारण किसानों की बर्बाद हुई फसलों पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले रानियां विधायक अर्जुन चौटाला
0 Comments