हरियाणा में मेयर चुनाव के प्रचार के लिए अब उम्मीदवार 5 लाख रुपए ज्यादा खर्च कर सकेंगे। पहले यह सीमा 25 लाख रुपए थे, जिसे बढ़ाकर अब 30 लाख रुपए कर दिया गया है। हरियाणा के निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है।
निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के लिए भी खर्च की सीमा डेढ़ लाख बढ़ाई गई है। अब वे साढ़े 7 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं। वहीं नगर कौंसिल के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव खर्च की सीमा को 16 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किया गया है। इसी तरह नगर कौंसिल मेंबर भी साढ़े 3 लाख की जगह साढ़े 4 लाख खर्च कर सकेंगे।
म्युनिसिपल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में खर्च सीमा 12.50 लाख रुपए कर दी गई है। इससे पहले वह 10.50 लाख रुपए ही खर्च सकते थे। प्रदेश में अगले साल फरवरी तक नगर निकाय चुनाव होने के आसार हैं। सरकार की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
हरियाणा के आठ नगर निगमों में कुल 212 वार्ड हैं, जिनमें से 74 वार्ड महिलाओं, 28 वार्ड अनुसूचित जाति (SC) और 17 वार्ड पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 11 वार्ड बीसी-बी के लिए रिजर्व किए गए हैं। गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, रोहतक, पानीपत, यमुनानगर, करनाल और हिसार नगर निगम के वार्डों में आरक्षण का काम पूरा कर लिया गया है।
हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मुताबिक निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव होंगे। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं सिरसा नगर परिषद, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर और 21 पालिकाओं के लिए आम चुनाव भी पहले चरण में होगा।
इसके साथ ही सोनीपत और अंबाला में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराए जाएंगे। सोनीपत के मेयर निखिल मदान और अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा विधायक बन चुकी हैं। इस कारण दोनों निगमों में मेयर का उपचुनाव कराना पड़ रहा है। दूसरे चरण में मार्च-अप्रैल में बाकी बचे 5 नगर निगमों हिसार, पानीपत, रोहतक, करनाल और यमुनानगर के अलावा थानेसर नगर परिषद एवं अन्य पालिकाओं के चुनाव कराए जाएंगे।
म्युनिसिपल कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में खर्च सीमा 12.50 लाख रुपए कर दी गई है। इससे पहले वह 10.50 लाख रुपए ही खर्च सकते थे। प्रदेश में अगले साल फरवरी तक नगर निकाय चुनाव होने के आसार हैं। सरकार की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
हरियाणा के आठ नगर निगमों में कुल 212 वार्ड हैं, जिनमें से 74 वार्ड महिलाओं, 28 वार्ड अनुसूचित जाति (SC) और 17 वार्ड पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा 11 वार्ड बीसी-बी के लिए रिजर्व किए गए हैं। गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद, रोहतक, पानीपत, यमुनानगर, करनाल और हिसार नगर निगम के वार्डों में आरक्षण का काम पूरा कर लिया गया है।
हरियाणा के चुनाव आयुक्त धनपत सिंह के मुताबिक निकाय चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव होंगे। इसके अलावा तीन नगर पालिकाओं सिरसा नगर परिषद, पटौदी जटौली मंडी और अंबाला सदर और 21 पालिकाओं के लिए आम चुनाव भी पहले चरण में होगा।
इसके साथ ही सोनीपत और अंबाला में मेयर पद के लिए उपचुनाव कराए जाएंगे। सोनीपत के मेयर निखिल मदान और अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा विधायक बन चुकी हैं। इस कारण दोनों निगमों में मेयर का उपचुनाव कराना पड़ रहा है। दूसरे चरण में मार्च-अप्रैल में बाकी बचे 5 नगर निगमों हिसार, पानीपत, रोहतक, करनाल और यमुनानगर के अलावा थानेसर नगर परिषद एवं अन्य पालिकाओं के चुनाव कराए जाएंगे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली भाजपा अब सभी निगमों में भी बहुमत हासिल करने की कवायद में जुट गई है। वहीं, हार से बैकफुट पर चल रही कांग्रेस तो इस बार भी निर्दलियों को ही समर्थन देने के पक्ष में नजर आ रही है, क्योंकि पार्टी की तरफ से अब तक चुनाव को लेकर कोई तैयारी नहीं दिख रही
निकाय चुनाव से पहले हरियाणा सरकार का फैसला:पार्षद-मेयर की खर्च सीमा 5 लाख बढ़ाई; कौंसिल-म्युनिसिपल कमेटी अध्यक्ष भी ज्यादा खर्चा कर सकेंगे
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