हिसार बालक गांव की बेटी रीना भट्टी, जिसने केवल 20.5 घंटे में माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से की चोटियाँ फतह कर इतिहास रच दिया, और अब तक दुनिया की 20 ऊँची चोटियाँ फतेह कर चुकी है लेकिन वो आज भाजपा सरकार की बेरुखी और उपेक्षा की शिकार है।*
रीना भट्टी ने यह असाधारण कारनामा किसी विशेष ट्रेनिंग या संसाधनों के सहारे नहीं, बल्कि एक साधारण मिस्त्री के घर में जन्म लेकर, अपने साहस, मेहनत और जुनून के बल पर हासिल किया।
जब उन्होंने पारंपरिक हरियाणवी परिधान में एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया, तो वह केवल पर्वतारोहण नहीं था — वह हरियाणा की संस्कृति, भारतीय स्त्रीशक्ति और आत्मबल का ऐतिहासिक ऐलान था।
लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतनी बड़ी उपलब्धियों के बावजूद भाजपा सरकार से उन्हें न सरकारी नौकरी मिली, न आर्थिक सहयोग।
अब समय आ गया है कि हरियाणा सरकार रीना भट्टी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को माने, पहचाने और बिना देरी के उन्हें उनका हक दे — ताकि हरियाणा की हर वह बेटी जो सीमित साधनों के बावजूद बड़ा सपना देखती है, उसे एक सशक्त प्रेरणा मिल सके।
हिसार के बालक गांव की बेटी रीना भट्टी ने रचा इतिहास, केवल 20.5 घंटे में माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से की चोटियाँ फतह किया
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