यूरोप के सबसे महत्त्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट एससीएएफ/एफसीएएस से जुड़ेगा हिंदुस्तान; चीन की उड़ेगी नींद, थर-थर कांपेगा पाकिस्तान
भारत की हवाई ताक आने वाले वर्षों में विश्व को हैरान कर सकती है। यूरोप का सबसे महत्त्वाकांक्षी रक्षा प्रोजेक्ट एससीएएफ /एफसीएएस (फ्यूचर कॉम्बैट एयर सिस्टम) अब भारत के द्वार तक पहुंच चुका है। यह छठी पीढ़ी का फाइटर जेट मैक 5 स्पीड, लेजर हथियार और एआई तकनीक से लैस होगा, जो भारत को हवाई शक्ति में अजेय बना देगा। फ्रांस, जर्मनी और स्पेन की संयुक्त पहल से विकसित यह छठी पीढ़ी का युद्धक विमान भारत की सामरिक स्थिति को पूरी तरह बदल सकता है। यदि भारत इस प्रोजेक्ट में ‘सहभागी देश’ के रूप में शामिल होता है, तो यह पाकिस्तान सहित पूरे क्षेत्र के लिए एक बड़ी रणनीतिक चुनौती बन जाएगा। साथ ही, भारतीय वायुसेना को एक और शक्तिशाली हथियार प्राप्त होगा।
यह विमान केवल एक फाइटर जेट नहीं, बल्कि एक ‘सिस्टम ऑफ सिस्टम्स’ होगा। इसमें नया लड़ाकू विमान ( न्यू जेनरेशन फाइटर-एनजीएफ) के साथ-साथ मानवरहित ड्रोन (रिमोट कैरियर्स) भी होंगे। ये सभी कॉम्बैट क्लाउड के माध्यम से रियल-टाइम में जुड़ेंगे और सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे। अर्थात, यह योद्धा आसमान में अकेला नहीं, बल्कि पूरी सेना के साथ उड़ान भरेगा। अगर भारत को एससीएएफ/ एफसीएएस जैसा उन्नत लड़ाकू विमान मिलता है, तो यह पाकिस्तान की वायुसेना के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा और चीन की भी चिंता बढ़ाएगा। वर्तमान में पाकिस्तान चीन और अमरीका के पुराने विमानों पर निर्भर है, जबकि भारत के पास पहले से ही राफेल और सुखोई जैसे आधुनिक विमान हैं।
छठी पीढ़ी का घातक फाइटर जेट भारत को बना देगा अजेय, चीन की उड़ेगी नींद, थर-थर कांपेगा पाकिस्तान
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