मौजूदा बरवाला नगरपालिका सदन के लिए जून-2022 में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराये गए थे आम चुनाव, अत: निर्वाचित सदन का करीब डेढ़ वर्ष कार्यकाल लंबित
वर्तमान नगरपालिका सदन के कार्यकाल दौरान ही नहीं किया जा सकता उसका दर्जा अपग्रेड, तत्काल नगर परिषद बनाने के लिए प्रदेश सरकार सदन को समयपूर्व कर भी नहीं सकती भंग
31 अक्टूबर 2025 को शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने बरवाला नगर परिषद सम्बन्धी प्रकाशित की है ड्राफ्ट न कि फाइनल नोटिफिकेशन, 30 दिनों तक दर्ज कराई जा सकती है आपत्ति - एडवोकेट हेमंत
चंडीगढ़ – 31 अक्टूबर 2025 को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता की हस्ताक्षरित सील से प्रदेश सरकार के गजट में प्रकाशित एक नोटिफिकेशन (अधिसूचना) मार्फ़त हिसार जिले में स्थापित बरवाला म्युनिसिपल कमेटी अर्थात नगरपालिका समिति (न.पा.) का दर्जा बढ़ाकर म्युनिसिपल कौंसिल अर्थात नगर परिषद (न.प.) करने का प्रस्ताव किया गया.
इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और म्युनिसिपल कानून जानकार हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा म्युनिसिपल अधिनियम, 1973 की धारा 2 ए में हरियाणा की सभी मुनिसिपलिटीस (शहरी निकाय) का वर्गीकरण है जिसके अनुसार 50 हज़ार तक की जनसँख्या वाले छोटे शहरों के लिए नगरपालिका समिति, 50 हज़ार से तीन लाख तक आबादी वाले मध्यम शहरी क्षेत्रों के लिए हेतू नगर परिषद जबकि तीन लाख से ऊपर की जनसँख्या वाले बड़े शहरों /महानगरों में नगर निगम के गठन का कानूनी प्रावधान है.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि गत 31 अक्टूबर को बरवाला नगरपालिका को नगर परिषद के तौर पर अपग्रेड करने सम्बन्धी नोटिफिकेशन वास्तव में फाइनल नहीं अपितु ड्राफ्ट अर्थात प्रारंभिक अधिसूचना है जो हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 की धारा 2-ए(2) के दूसरे परंतुक के अंतर्गत जारी हुई है एवं उसके द्वारा सर्वसाधारण से इसके प्रकाशन के तीस दिनों के भीतर आपत्तियां (आक्षेप) और सुझाव आमंत्रित किये गए हैं जिन पर विचार करने के पश्चात ही शहरी निकाय विभाग द्वारा बरवाला नगरपालिका को नगर परिषद के तौर पर अपग्रेड करने सम्बन्धी फाइनल अधिसूचना प्रकाशित की जायेगी एवं जिसके बाद ही बरवाला हरियाणा प्रदेश की 25वीं नगर परिषद बन सकेगी.
बहरहाल, मौजूदा बरवाला नगरपालिका समिति को नगर परिषद के तौर पर अपग्रेड करने की टाइमिंग अर्थात समय पर गंभीर कानूनी सवाल उठाते हुए हेमंत ने बताया कि साढ़े तीन वर्ष पूर्व जून, 2022 में जब हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश की 18 नगर परिषदों और 28 नगर पालिकाओ के आम चुनाव कराये गए थे, तब उसमें बरवाला में भी नगरपालिका के तौर पर आम चुनाव कराये गए थे एवं चुनाव सम्पन्न होने पश्चात 4 जुलाई 2022 में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बरवाला नगरपालिका के प्रत्यक्ष निर्वाचित अध्यक्ष रमेश कुमार और पालिका क्षेत्र के सभी 19 वार्डो से निर्वाचित सदस्यों (जिन्हें आम भाषा में पार्षद या कोंसलर कहा जाता है हालाकि हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 में सदस्य शब्द का प्रयोग किया गया है ) के नामों की निर्वाचन नोटिफिकेशन प्रदेश के शासकीय गजट में प्रकाशित की गई थी जिस कारण मौजूदा बरवाला नगरपालिका सदन का कार्यकाल जुलाई, 2027 तक अर्थात करीब करीब डेढ़ वर्ष शेष है.
सनद रहे कि करीब तीन माह पूर्व 12 अगस्त 2025 को इसी प्रकार शहरी निकाय विभाग द्वारा प्रकाशित एक गजट नोटिफिकेशन मार्फ़त पानीपत जिले में स्थापित समालखा नगरपालिका को भी अपग्रेड कर प्रदेश की 24वीं नगर परिषद बनाया गया था. तब भी यह मसला उठा था क्योंकि समालखा नगरपालिका के आम चुनाव भी जून, 2022 में हुए थे एवं मौजूदा समालखा नगरपालिका सदन का कार्यकाल जुलाई, 2027 तक शेष है.
हेमंत ने बताया कि हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 की धारा 12 के अनुसार और भारत की संविधान के अनुच्छेद 243 यू(1) के अंतर्गत हर निर्वाचित नगर निकाय का कार्यकाल उसकी पहली आयोजित बैठक से पांच वर्ष तक होता है हालांकि उसे समयपूर्व कानूनन भंग किया जा सकता है. 1973 कानून की धारा 254 में मौजूदा निर्वाचित नगरपालिका को राज्य सरकार द्वारा कुछ विशेष और विकट परिस्थितियों में समयपूर्व भंग करने का प्रावधान तो है परन्तु उसमें ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि अगर किसी निर्वाचित नगरपालिका का दर्जा बढाकर प्रदेश सरकार द्वारा नगर परिषद किया जाता है, तो इससे वह स्वत: भंग हो जायेगी. वैसे भी किसी मौजूदा निर्वाचित नगर निकाय का दर्जा अपग्रेड करने मात्र से उस निकाय को भंग नहीं किया जा सकता है क्योंकि ऐसा करना पूर्णतया अलोकतांत्रिक होगा. इस प्रकार जब तक समालखा नगरपालिका और बरवाला नगरपालिका का मौजूदा कार्यकाल जुलाई, 2027 तक पूरा नहीं हो जाता, तब तक उसे नगर परिषद् के तौर पर अपग्रेड करने पर गंभीर कानूनी सवाल उठता है.
यही नहीं अगस्त, 2025 में समालखा नगरपालिका का और अब बरवाला का दर्जा बढ़ाकर नगर परिषद करने के फलस्वरूप हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आगामी एक वर्ष के भीतर नव गठित समालखा नगर परिषद और बरवाला नगर परिषद के प्रथम आम चुनाव करना भी कानूनन आवश्यक होगा हालांकि अगर ऐसा किया गया तो वर्तमान निर्वाचित समालखा नगरपालिका और बरवाला नगरपालिका अर्थात उसके प्रत्यक्ष निर्वाचित अध्यक्ष और सभी वार्ड सदस्यों का पांच वर्ष कार्यकाल जो हालांकि जुलाई, 2027 तक शेष है, वह प्रभावित होगा जिसके विरूद्ध वह अदालत जा सकते हैं.
नगरपालिका सदन के कार्यकाल दौरान ही उसे अपग्रेड कर नगर परिषद नहीं बनाया जा सकता है. अब शहरी स्थानीय निकाय विभाग इस पर क्या कार्रवाई करता है, यह देखने लायक होगा.
जुलाई, 2027 के बाद ही बरवाला नगरपालिका समिति का दर्जा बढ़ाकर किया जा सकता है बरवाला नगर परिषद
0 Comments