चैनल असली हालात दिखा नहीं रहे और सोशल मीडिया मुद्दों पर पारदर्शिता लाने में असमर्थ है कि कौनसी खबर सही है कौनसी गलत ।
एक दौर आयेगा जब विकसित देश होंगे या पूर्ण गुलाम होंगे । उस वक्त विशेषज्ञ इस 2004 से 2029 तक की भारतीय राजनीति पर विशेष रिसर्च करेंगे कि आखिर इतना बड़ा खेला हुआ कैसे ।
वो जानना चाहेंगे कि इस दौर के शुरुवात में कैसे कांग्रेस के हालात खराब थे और आगे तक बने रहे । वो जानना चाहेंगे कि कैसे मात्र तीन प्रदेशों में वजूद रखने वाली बीजेपी कैसे देश में सत्ता में आई ।
वो जानना चाहेंगे कि बीजेपी में 65 % कांग्रेसी नेता क्यों आए और उन्हें बीजेपी ने क्यों आने दिया । वो जानना चाहेंगे कि जो शोर था कि तीसरा मोर्चा सरकार बनाएगा ,उस मोर्चे की पार्टियों का एकाएक कैसे पतन हुआ ।
ये सवाल सबसे बड़ा होगा कि बीजेपी राजनीति और कूटनीति में इतनी मजबूती नहीं थी कि वो अकेला इतना बड़ा बदलाव ले आई ।
क्या इसके पीछे कोई विदेशी ताकत का हाथ था या जनता को भ्रम में रखा गया और अंदरखाते बड़ी पार्टियों में कोई समझौता हुआ था ।
आज तो जनता कही जातपात , हिंदू मुस्लिम में व्यस्त है ।
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