पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने माना है कि सीधी भर्ती के जरिए नियुक्त हुए पशु चिकित्सा पशुधन विकास सहायकों (VLDA) को उनके मिनिमम फिक्स टैन्योर के उल्लंघन में ऑनलाइन स्थानांतरण अभियान के अधीन नहीं किया जा सकता।
सरकार की कार्रवाई को अवैध करार देते हुए जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने विवादित तबादलों को रद्द कर दिया है और राज्य पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया।
याचिकाकर्ताओं ने 2024-25 ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव में स्थानांतरित किए जाने के लिए प्रस्तावित वीएलडीए की 28 मार्च की सूची को चुनौती दी थी।
अन्य बातों के अलावा, उन्होंने तर्क दिया था कि उनके शामिल किए जाने से 15 अक्टूबर, 2020 की स्थानांतरण नीति का उल्लंघन हुआ है। प्राथमिक तर्क यह था कि उन्होंने अपना न्यूनतम कार्यकाल पूरा नहीं किया था और इसलिए, उनके पदों को रिक्त घोषित नहीं किया जा सकता था।हाईकोर्ट ने सरकार के शपथपत्र नहीं दाखिल करने पर टिप्पणी करते हुए कहा, प्रतिवादी-राज्य द्वारा हलफनामे दाखिल करने के लापरवाह तरीके, लागू कानूनों और अपने स्वयं के नीतिगत निर्णयों की अनदेखी करने, जिससे कानून के लिए हानिकारक मुकदमेबाजी को बढ़ावा मिला है, पर अदालत द्वारा पहले व्यक्त की गई नाराजगी को देखते हुए, यह अदालत प्रतिवादी-राज्य पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाना उचित समझती है।
हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट से लगा झटका:VLDA के ऑनलाइन ट्रांसफर पर रोक लगाई; 2 लाख का फाइन लगाया, वॉर्निग भी दी
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